घायल जवान ने किया खुलासा- सड़क किनारे खड़े थे आतंकी, चरवाहा समझा…

जिले के सावनी इलाके में सैन्य वाहनों पर हमला करने वाले आतंकी सड़क किनारे खड़े थे। सैन्य वाहन में सवार जवानों ने समझा कि बकरी चराने वाले इलाके के लोग होंगे। इसी गफलत में इतना बड़ा हमला हो गया। यह खुलासा हमले में बचे घायल एक जवान ने किया है।
घायल जवान ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि भाटादूड़िया में 20 अप्रैल को हमले के बाद से सेना की ओर से पूरे इलाके में तलाशी अभियान चलाया जा रहा है। लगातार इलाके में कॉंबिंग जारी है। उन्होंने बताया कि दो वाहनों के साथ अन्य जवानों को तलाशी अभियान वाले इलाके में लाया जा रहा था। तभी सावनी इलाके में लोग सड़क किनारे खड़े दिखे।
वाहन के नजदीक पहुंचते ही उन्होंने ग्रेनेड हमला किया। अचानक हुए हमले से जवानों को संभलने का मौका तक नहीं मिला तभी उन्होंने वाहनों को घेरकर अंधाधुंध गोलियां बरसानी शुरू कर दी। हालांकि, वाहन में सवार जवानों की ओर से भी फायरिंग की गई। सूत्रों ने बताया कि हमले में दो पोर्टर भी घायल हुए हैं।
उधर, यह कयास लगाए जा रहे हैं कि मुगल रोड खुलने की वजह से आतंकी कहीं उस रास्ते कश्मीर से तो नहीं दाखिल हुए हैं। क्योंकि बफलियाज का इलाका मुगल रोड से जुड़ता है। हालांकि, इलाके में आतंकियों के पहले से मौजूद होने की भी सूचना है।
आतंकी अब जंगलों में कर रहे हमले
पाकिस्तान परस्त आतंकियों ने कुछ समय से अपनी रणनीति में भारी बदलाव लाया है। आतंकवाद के दौर में आतंकी रिहायशी क्षेत्र के आसपास से सुरक्षा बलों पर हमले करते थे। वहीं, अब आतंकी रिहायशी इलाकों से हटकर सुनसान और जंगली इलाकों में सुरक्षा बलों को निशाना बना रहे हैं।
सका जीता जागता प्रमाण है कि वीरवार को सुरनकोट तहसील के देहरा गली क्षेत्र के सावनी गली में आतंकियों द्वारा दो सैन्य वाहनों पर हमला किया गया। इससे पूर्व भी आतंकियों ने भाटादूड़ियां और चमरेड़ में इसी प्रकार रिहायशी क्षेत्र से दूर जंगली और सुनसान क्षेत्र में ही सुरक्षा बलों को निशाना बनाया था। सूत्रों के अनुसार पहले आतंकी इलाकों में इस प्रकार के हमलों को अंजाम देकर अपनी जान बचाने के लिए घरों में घुस जाते थे।
लेकिन, अब आतंकवादियों सुनसान और जंगली क्षेत्रों में इस प्रकार के हमलों को अंजाम देकर खुद को जंगलों में ही छुपा रहे हैं। क्योंकि, दो-ढाई वर्षों से उस पार से आने वाले अधिकतर आतंकी जंगली क्षेत्रों में रहने, छुपने और समय बिताने में काफी माहिर हैं। उन्हें इसी प्रकार का प्रशिक्षण दिया जा रहा है, जिससे वे अपना अधिकतर समय जंगलों में बिता सकें।
राजोरी में तलाशी अभियान शुरू…जंगलों को खंगाल
पुंछ के सुरनकोट थाने के अंतर्गत दोनाड़ सावनी क्षेत्र में वीरवार शाम को आतंकवादियों द्वारा घात लगाकर सेना की गाड़ी पर हमला करने के बाद राजोरी के जंगलों में बड़े पैमाने पर तलाशी अभियान शुरू किया गया है। सूत्रों के अनुसार वैसे तो काफी दिनों से राजोरी के कई जंगली इलाकों में तलाशी अभियान चलाए जा रहे हैं। लेकिन, सुरनकोट के दोनाड़ क्षेत्र में हुए आतंकी हमले के बाद सेना काफी अलर्ट मोड पर है। इसलिए, राजोरी के थन्नामंडी, डीकेजी, दरहाल और मंजाकोट के जंगलों में बड़े पैमाने पर तलाशी अभियान शुरू किया है।
इसमें सेना के पैरा कमांडो, सीआरपीएफ, पुलिस के जवान संयुक्त रूप से तलाशी जंगलों को खंगाल रहे हैं। ड्रोन और खोजी कुत्तों की भी मदद ली जा रही है। सूत्रों के मुताबिक थन्नामंडी के डीकेजी के जंगलों को सेना के पैरा कमांडो और सेना की राष्ट्रीय राइफल बटालियन के जवानों ने चारों ओर से घेर लिया है। डीकेजी से लगते मंजाकोट और दरहाल के जंगलों के आसपास भी घेराबंदी कर दी गई है, ताकि पुंछ के दोनाड़ क्षेत्र में आतंकी हमले करने वाले आतंकी भाग न सकें, और उन्हें जल्द ढेर किया जाए। लेकिन, फिलहाल कुछ सफलता नहीं मिली है।