शराब पीने वालों के लिए बुरी खबर, सरकार ने किया ये बड़ा फैसला…
देहरादून। उत्तराखंड में लंबे समय से चल रहे शराब के विरोध प्रदर्शन पर आखिर सरकार ने राज्य की नई नीति को हरी झंडी दे दी। सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत की कैबिनेट की बैठक में आबकारी नीति के तहत 2310 करोड़ आय का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। बैठक में ये भी तय किया गया है कि अब से शराब पर दो फीसद का सेस लगाया जाएगा और सेस की धनराशि समाज की सुरक्षा और सड़क सुरक्षा पर खर्च की जाएगी।
शराब पर दो फीसद का सेस नीति एक जून से लागू हो जाएगी
दरअसल जब से उत्तराखंड में बीजेपी सरकार आई है तब से ही शराब नीति में एक बड़ी चुनौती सामने आई है। राज्य के सभी जिलों में शराब को लेकर प्रदर्शन शुरू हो गए। सरकार ने राष्ट्रीय राजमार्गों से शराब की दुकानें हटाकर उन्हें ऐसी जगह स्थापित कर दिया गया जो राज्य मार्ग की श्रेणी में आते हैं, लेकिन लोगों को सरकार का यह फैसला भी पसंद नहीं आया। एक बार फिर से ये मुद्दा सरकार के लिए गले की फांस बन गया।
इन सब के बावजूद सरकार ने आखिर समाधान निकलते हुए कई राष्ट्रीय राजमार्गों को जिला मार्ग घोषित किया। लेकिन शराब के विरोधी फिर भी शांत नहीं हुए। वर्तमान में स्थिति यह है कि पहाड़ों के साथ ही मैदानी जिलों में भी शराब विरोधी आंदोलन सरकार की सबसे बड़ी मुश्किल बने हैं। इस हालात में आज कैबिनेट ने नई शराब नीति को मंजूरी दे दी।
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कैबिनेट के फैसलों की जानकारी देते हुए सरकार के प्रवक्ता व कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक ने बताया कि पर्वतीय जिलो में शराब की दुकानें खुलने का समय दोपहर 12 बजे से शाम छह बजे तक रहेगा। साथ ही सभी जिलों को शराब के राजस्व का लक्ष्य आवंटित कर दिया गया।
उन्होंने बताया कि शराब पर लगने वाले दो फीसद सेस में एक फीसद सामाजिक सुरक्षा और एक फीसद सड़क सुरक्षा पर खर्च होगा। एक जून से नई शराब नीति लागू हो जाएगी। यदि किसी दुकान में ओवर रेट की शिकायत, कंप्यूटर बिलिंग की व्यवस्था नहीं होगी तो सख्त कार्रवाई की जाएगी। ऐसी दुकानों को निरस्त भी किया जा सकता है। साथ ही राज्य में नई डिस्टीलरी भी खोली जाएंगी।