विनायक चतुर्थी पर भूलकर भी न करें ये काम, जानें क्या करना चाहिए और क्या नहीं?

सनातन धर्म में विनायक चतुर्थी का उपवास बहुत ही फलदायी माना गया है। इस दिन व्रत करने से भक्तों की मनचाही इच्छाएं पूरी होती हैं। कहा जाता है, जो लोग इस दिन भगवान गणेश की पूजा-अर्चना करते हैं उनके ऊपर सदैव उनका आशीर्वाद बना रहता है।ऐसे में इस उपवास से जुड़े कुछ नियम बनाए गए हैं, जिनका पालन करना बेहद जरूरी है। तो आइए जानते हैं।
विनायक चतुर्थी पर क्या करें और क्या नहीं?
- सुबह पवित्र स्नान करें।
 - घर का मंदिर अच्छी तरह से साफ करें।
 - पूजा के लिए मिट्टी से बनी बप्पा की प्रतिमा स्थापित करें।
 - जहां मूर्ति स्थापित करना है, वह स्थान साफ-सुथरा कर लें।
 - भगवान गणेश की मूर्ति रखने से पहले गंगाजल छिड़कें।
 - वैदिक मंत्रों जैसे- ॐ गं गणपतये नमः का जाप करें।
 - इस शुभ दिन पर तामसिक कार्यों में शामिल न हों।
 - इस दिन लोगों को सात्विक जीवनशैली अपनानी चाहिए।
 - सुनिश्चित करें कि मूर्ति का मुख दक्षिण या पश्चिम दिशा की ओर होना चाहिए।
 - भगवान गणेश को मोदक अति प्रिय हैं, इसलिए मोदक का भोग अवश्य लगाना चाहिए।
 - भोग प्रसाद के लिए सात्विक भोजन ही बनाएं।
 - शुभ मुहूर्त में ही पूजा करें।
 - प्याज, लहसुन, अंडे और मांस का सेवन भूलकर भी न करें।
 - लोगों को कठोर शब्द न कहें।
 - इस दिन भगवान गणेश घर पर अकेला न छोड़ें।
 - व्रत का पारण अगले दिन प्रसाद से करें।
 





