पैरों की सूजन के लिए जिम्मेदार हो सकती हैं सेहत से जुड़ी ये समस्याएं

पैरों की सूजन को कभी लोग थकान तो कभी सर्दियों से जोड़कर इग्नोर कर देते हैं, लेकिन ये छोटी सी नजर आने वाली समस्या कई बार गंभीर समस्याओं की ओर इशारा करती है। जिसे लंबे समय तक इग्नोर करना हो सकता है खतरनाक।
वैसे कभी-कभार होने वाली पैरों की सूजन बहुत ज्यादा चलने-फिरने, मोच, चोट लगने या लंबे समय तक खड़े रहने की वजह से भी हो सकती है। आपको समझना है कभी-कभार और लगातार बने रहने वाले सूजन में फर्क। आज के लेख में हम जानेंगे कि पैरों की सूजन का कनेक्शन किन हेल्थ कंडीशन्स की ओर करती है इशारा।
पैरों के सूजन के पीछे हो सकती हैं ये समस्याएं
- हाइपोथाइरॉएडिज्म
हाइपोथायरायडिज्म होने पर थाइरॉइड हार्मोन और उनके प्रोटीन की ज्यादा मात्रा ब्लड वेसेल्स में बननी शुरू हो जाती है। जिसके चलते बॉडी में लिक्विड्स जमा होने लगते हैं। साथ ही हाइपोथायरायडिज्म का मेटाबॉलिज्म पर भी असर पड़ता है वो स्लो हो जाता है। किडनी के ब्लड फ्लो भी इससे प्रभावित होने लगता है। जिससे वॉटर रिटेंशन की प्रॉब्लम होती है और इस वजह से पैरों में सूजन आ सकती है। - पोषक तत्वों की कमी
पैरों में सूजन शरीर में पोषक तत्वों की कमी की ओर भी इशारा करता है। अगर आपकी डाइट से शरीर के लिए जरूरी पोषक तत्व गायब हैं, तो पैरों की सूजन द्वारा बॉडी ये मैसेज आप तक पहुंचाने का काम करती है। इसके अलावा बहुत ज्यादा सोडियम से भरपूर फूड आइटम्स के सेवन से भी शरीर में पानी जमा होने लगता है। जिससे पैर सूज जाते हैं। - किडनी फेलियर
किडनी जब फेल हो जाती है, तो ब्लड से यूरिन फिल्टर नहीं हो पाता, जिसके चलते खून में प्रोटीन एल्बुमिन का लेवल कम हो जाता है और यूरिन का लेवल बढ़ने लगता है। ऐसे में पैरों में सूजन की समस्या हो सकती है। कमर में दर्द भी बना रहता है और डाइजेशन से जुड़ी परेशानियां भी देखने को मिल सकती हैं, जिसे इग्नोर करने की गलती बिल्कुल न करें। - लिवर डैमेज
लिवर डैमेज होने पर भी इसके फंक्शन में कई तरह की समस्याएं देखने को मिलती हैं। ब्लड का सर्कुलेशन स्लो हो जाता है। जिसकी वजह से ब्लड को लिवर तक पहुंचाने वाले नसों पर बहुत ज्यादा प्रेशर पड़ता है। नसों पर बढ़ते प्रेशर की वजह से पैरों में द्रव्य जमा होने लगते हैं, जिसे एडिमा कहा जाता है और इनमें सूजन की समस्या हो सकती है।