उठा लीजिए पासपोर्ट… थाईलैंड, श्रीलंका के बाद अब इस देश ने भारतीयों के लिए किया वीजा-फ्री एंट्री
कोविड-19 महामारी समाप्त होने के बाद के देश अपनी अर्थव्यवस्था को सुधारने के लिए पर्यटन में बढ़ावा दे रहा है. इसी कड़ी में मलेशिया ने एक बड़ा एलान किया है. मलेशिया ने रविवार को कहा कि वह 1 दिसंबर से भारत के आगंतुकों को 30 दिनों की वीजा-फ्री यात्रा की अनुमति देगा. प्रधानमंत्री अनवर इब्राहिम ने कहा कि यही नियम चीनी नागरिकों के लिए भी लागू है.
श्रीलंका और थाईलैंड के बाद मलेशिया भारतीय नागरिकों को वीजा-फ्री यात्रा की अनुमति देने वाला तीसरा एशियाई देश है. वर्तमान में, सऊदी अरब, बहरीन, कुवैत, संयुक्त अरब अमीरात, ईरान, तुर्की और जॉर्डन के यात्रियों को देश में वीजा छूट का आनंद मिलता है. हालांकि, प्रधानमंत्री ने कहा कि भारतीय और चीनी नागरिकों के लिए वीजा छूट सुरक्षा मंजूरी के अधीन होगी. उन्होंने कहा कि आपराधिक रिकॉर्ड और हिंसा के जोखिम वाले लोगों को वीजा नहीं मिलेगा.
अनवर ने कहा कि गृह मंत्री सैफुद्दीन नसुशन इस्माइल जल्द ही वीजा छूट पर विवरण की घोषणा करेंगे. बता दें कि 24 नवंबर को, चीन ने 1 दिसंबर, 2023 से 30 नवंबर, 2024 तक मलेशियाई लोगों के लिए 15-दिवसीय वीजा-फ्री नीति की घोषणा की. चीनी सरकार को धन्यवाद देते हुए, अनवर ने कहा ‘अगले साल, मलेशिया चीन के साथ राजनयिक संबंधों के 50 साल का जश्न मनाएगा.’
गौरतलब है कि यह घोषणा आसियान-भारत मीडिया एक्सचेंज प्रोग्राम 2023 के मद्देनजर आई, जहां मलेशिया के उच्चायुक्त बीएन रेड्डी ने कहा कि मलेशिया के साथ भारत का रिश्ता ‘बहुत कीमती’ था. उन्होंने कहा, ‘यह एक ऐसा रिश्ता है जो निकटता, प्रवासी संपर्क और इस बढ़ी हुई रणनीतिक साझेदारी को साकार करने की दोनों सरकारों की इच्छा को देखते हुए क्षेत्र के लिए बहुत महत्वपूर्ण है.’
दोनों देशों ने पिछले साल ही 65 साल के राजनयिक संबंधों का समापन किया और अब 2015 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की यात्रा के दौरान स्थापित बढ़ी हुई रणनीतिक साझेदारी को साकार करने की प्रक्रिया में हैं. साल 2022 में, भारत मलेशिया का 11वां सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार था, जिसका कुल व्यापार RM 86.22 बिलियन (USD 19.63 बिलियन) था, जो 2021 में दर्ज मूल्य की तुलना में 23.6 प्रतिशत की वृद्धि है.