BSF की ये नई तकनीक, अब सीमा पर घुसपैठ से दिलाएगी निजात
सीमा पर बर्फ पिघलने के साथ ही पाकिस्तान की तरफ से आतंकियों की घुसपैठ लगातार हो रही है. LOC की तरफ से पाकिस्तान सीज़फायर के उल्लंघन के आड़ में आतंकियों की घुसपैठ कराने की फ़िराक में है.
सूत्र बताते हैं कि लॉचिंग पैड पर आतंकियों की इस समय काफी ज्यादा मूवमेंट देखी जा रही है. इंटरनेशनल बॉर्डर जिसकी निगरानी बीएसएफ करता है. ऑपरेशन चक्रव्यूह के तहत बॉर्डर पर नई-नई तकनीकों का इस्तेमाल करके सीमा से घुसपैठ को रोकना है इसी के लिए भारत सरकार ने बीएसएफ के डीजी केके शर्मा को अमेरिका भेजा है. जहां से सीमा को और ज्यादा चाक चौबंद करने के लिए नई नई टेक्नोलॉजी को लाने और उस पर किस तरीके से आगे बढ़ना है. उस पर सरकार को डीजी बीएसएफ जानकारी देंगे. डीजी बीएसएफ के साथ अमरीका डीआरडीओ के एक अधिकारी भी गए हैं.
बॉर्डर की सुरक्षा को पुख्ता करने के लिए गृह मंत्रालय ने कहा है कि आधुनिक तकनीकों के साथ 2018 तक इसको पूरा कर लेना है. इसके लिए बीएसएफ सुरक्षा में इलेक्ट्रॉनिक सर्विलान्स कौन-कौन से लगेंगे उसका भी परीक्षण भी कई बार हो चुका है. आने वाले समय मे राजस्थान, गुजरात और जम्मू-कश्मीर के बॉर्डर पर इलेक्ट्रानिक सर्विलान्स की तकनीकों को पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर रहा है.
बॉर्डर को सील करने का प्लान
जम्मू-कश्मीर में आए दिन हो रही आतंकी वारदातों और सीमा पार से घुसपैठ को रोकने के लिए सरकार ने बड़ा कदम उठाया है. इजराइल की तर्ज पर मोदी सरकार ने सीमा पर ‘ऑपरेशन चक्रव्यहू’ के जरिए चौकसी का फैसला किया है. इसके तहत हिंदुस्तान की सीमा पर अंडर वाटर और अंडर ग्राउंड सेंसर लगाने की तैयारी हो रही है. यानी आतंकी अब न तो जमीन और न ही पानी के जरिए घुसपैठ कर पाएंगे.
जानकारी के मुताबिक, पाकिस्तान से लगी जम्मू-कश्मीर, राजस्थान और गुजरात की सीमा में सेंसर लगाने का काम जल्द शुरू कर दिया जाएगा. पहले फेज में जम्मू-कश्मीर में दो जगहों पर पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर इसे शुरू किया जा रहा है.
ऐसे होगी इन आधुनिक उपकरणों से निगरानी
सूत्रों के मुताबिक पकिस्तान से लगी भारतीय सीमा पर सभी इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम को एकसाथ जोड़कर दिया जायेगा. उसका एक कंट्रोल रूम बनाया जायेगा. इस कंट्रोल में 24 घंटे और सातों दिन छह से सात लोग तैनात रहेंगे. रडार और सेंसर सरहद पर लगाकर निगरीनी की जायेगी. रडार अपने चारों ओर यानी 360 डिग्री के इलाके में किसी घुसपैठिए के आने पर सीधे कंट्रोल रूम को जानकारी देगा. सिग्नल मिलते सीमा पर लगे कैमरे ऑटोमैटिक घुसपैठिए की तरफ घूम जाएंगे.
इतना ही नहीं, वहां लगा ऑटोमैटिक गन आतंकी को पलक झपकते ढेर कर देगा. अंडर ग्राउंड और अंडर वाटर सेंसर में कैमरे भी लगे होंगे. जो किसी भी संदिग्ध के आने पर उसको स्कैन करके कंट्रोल रूम को जानकारी देंगे. पानी के अंदर लगा सेंसर वैसे ही काम करेगा जैसे जमीन के ऊपर लगा सेंसर काम करता है. कंट्रोल रूम में सिग्नल मिलते ही इस ओर एक्शन लिया जाएगा. इसमें दिन और रात में काम करने वाले कैमरे सीमा पर लगे रहेंगे. इनका सीधा संपर्क कंट्रोल रूम से होगा. जैसे ही सीमा पर कोई भी प्रतिक्रिया दिखेगी, ये सीधे कंट्रोल रूम सिग्नल देंगे.
इसके अलावा माइक्रो एयरो स्टैट ऐसे बैलून होंगे, जो सीमा पर निगरानी करने के लिए लगाए जाएंगे. इनमें हाई क्वालिटी वाले कैमरे लगे होंगे. ये कैमरे भी कंट्रोल रूम से जुड़कर पूरी स्थिति की जानकारी देंगे. यानी अगर ऊपर आसमान से कुछ दूरी तक अगर कोई गतिविधि होगी तो उसको पकड़ लिया जाएगा.