विश्वकप 2023 से भारतीय अर्थव्यवस्था को मिलेगी रफ्तार
टीम इंडिया और ऑस्ट्रेलिया के बीच रविवार 19 नवंबर को अहमदाबाद के नरेंद्र मोदी स्टेडियम में खेले जाने वाले विश्व कप 2023 का फाइनल मुकाबला खेला जाएगा। दोनों टीम फाइनल मुकाबला खेलने के लिए तैयार है। एक दूसरे की रणनीती को तोड़ने के लिए दोनों ही टीमें मैदान में उतरेंगी। ऐसे में भारतीय फैंस जीत की पूरी उम्मीद लगाए बैठे है।
भारतीय अर्थव्यवस्था को भी होगा विश्वकप की मेजबानी का फायदा
विश्वकप की 12 साल बाद भारत में वापसी हुई है। वहीं, ये पहला मौका है जब भारत अकेले विश्वकप को होस्ट कर रहा है। विश्वकप जहां खेल प्रेमियों के लिए किसी उत्सव से कम नहीं है। वहीं, विश्वकप की मेजबानी का फायदा भारतीय अर्थव्यवस्था को भी होगा। स्टडी के मुताबिक विश्वकप की मेजबानी से एविएशन इंडस्ट्री, हॉस्पिटेलिटी सेक्टर, होटल्स, फूड इंडस्ट्री, डिलिवरी सर्विसेज को फायदा होगा।
बैंक ऑफ बड़ौदा की रिपोर्ट के मुताबिक विश्वकप 2023 की मेजबानी से भारत की जीडीपी को 22,000 करोड़ का बूस्ट मिलेगा। टिकट की बिक्री से 1,600 से 2,200 करोड़ रुपए की कमाई हो सकती है। स्पॉन्सर टीवी राइट्स से 10,500 से 12,000 करोड़ रुपए की कमाई। वर्ल्ड कप में हिस्सा ले रही 10 टीमों के ट्रैवल खर्च से 150 से 250 करोड़ रुपए की कमाई हो सकती है। BOB की रिपोर्ट के मुताबिक फॉरेन टूरिस्ट से 450 से 600 करोड़ रुपए की कमाई होगी। वहीं, घरेलू टूरिज्म को 150 करोड़ रुपए से 250 करोड़ रुपए की कमाई होगी।
विश्वकप 2023 से गिग वर्कर्स को भी बूस्ट मिलेगा। बैंक ऑफ बड़ौदा की रिपोर्ट के मुताबिक 750 करोड़ रुपए से एक हजार करोड़ रुपए का बूस्ट मिल सकता है। वहीं, मर्चेंडाइज को 1,00-2,00 करोड़ रुपए, स्पेक्टेटर एक्सपेंस से 300 करोड़ से 500 करोड़ रुपए और स्क्रीनिंग और फूड डिलिवरी बिजनेस को चार हजार करोड़ रुपए से पांच हजार करोड़ रुपए का बूस्ट मिलेगा। गौरतलब है कि भारत ने साल 2011 में विश्वकप की मेजबानी की था। तब भारत ने श्रीलंका और बांग्लादेश के साथ संयुक्त रूप से ये टूर्नामेंट होस्ट किया था।