मासिक दुर्गाष्टमी पर दुर्लभ ‘ध्रुव’ का हो रहा है निर्माण, जानिए महत्व

मासिक दुर्गाष्टमी पर दुर्लभ ध्रुव योग का निर्माण हो रहा है। इस योग का निर्माण शाम 08 बजकर 35 मिनट तक है। इस योग में समस्त तीनों लोकों का कल्याण होगा। वहीं इस योग में मां की आराधना करने से साधक को कई गुना फल प्राप्त होगा। इस दिन अभिजीत मुहूर्त का योग 11 बजकर 45 मिनट से लेकर 12 बजकर 28 मिनट तक है।

हर महीने शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को मासिक दुर्गाष्टमी मनाई जाती है। इस प्रकार कार्तिक महीने में 20 नवंबर को मासिक दुर्गाष्टमी है। शास्त्रों में निहित है कि मां दुर्गा के शरण में रहने वाले साधक को जीवन में कभी किसी चीज की कमी नहीं होती है। साथ ही घर में सुख,समृद्धि और खुशहाली का आगमन होता है। अतः साधक श्रद्धा भाव से मां दुर्गा की पूजा करते हैं। साथ ही अष्टमी तिथि पर व्रत रखते हैं। ज्योतिषियों की मानें तो मासिक दुर्गाष्टमी पर दुर्लभ ध्रुव समेत कई अद्भुत संयोग बन रहे हैं। इन योग में मां की उपासना करने से साधक को अक्षय फल की प्राप्ति होती है। आइए, शुभ मुहूर्त, योग और पंचांग जानते हैं-

शुभ मुहूर्त
कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि 20 नवंबर को प्रातः काल 05 बजकर 21 मिनट से शुरू होगी और अगले दिन 21 सितंबर को देर रात 03 बजकर 16 मिनट पर समाप्त होगी। साधक 20 नवंबर के दिन व्रत रख जगत जननी आदिशक्ति मां दुर्गा की पूजा कर सकती हैं।

योग
मासिक दुर्गाष्टमी पर दुर्लभ ध्रुव योग का निर्माण हो रहा है। इस योग का निर्माण शाम 08 बजकर 35 मिनट तक है। इस योग में समस्त तीनों लोकों का कल्याण होगा। वहीं, इस योग में मां की आराधना करने से साधक को कई गुना फल प्राप्त होगा। इस दिन अभिजीत मुहूर्त का योग 11 बजकर 45 मिनट से लेकर 12 बजकर 28 मिनट तक है। ज्योतिष अभिजीत मुहूर्त को शुभ मानते हैं। इस योग में शुभ कार्य कर सकते हैं। साथ ही पूजा पाठ एवं धार्मिक अनुष्ठान कर सकते हैं।

सूर्योदय और सूर्यास्त का समय

सूर्योदय – सुबह 06 बजकर 47 मिनट पर

सूर्यास्त – शाम 17 बजकर 26 मिनट पर

चंद्रोदय- दोपहर 01 बजकर 02 मिनट पर

चंद्रास्त- देर रात 12 बजकर 15 मिनट पर

पंचांग
ब्रह्म मुहूर्त – 05 बजे से 05 बजकर 54 मिनट तक

विजय मुहूर्त – दोपहर 01 बजकर 53 मिनट से 02 बजकर 35 मिनट तक

अभिजीत मुहूर्त- 11 बजकर 45 मिनट से लेकर 12 बजकर 28 मिनट तक

गोधूलि मुहूर्त – शाम 05 बजकर 26 मिनट से 05 बजकर 52 मिनट तक

निशिता मुहूर्त – रात्रि 11 बजकर 40 मिनट से 12 बजकर 32 मिनट तक

अशुभ समय
राहु काल – सुबह 08 बजकर 07 मिनट से 09 बजकर 27 मिनट तक

गुलिक काल – दोपहर 01 बजकर 26 मिनट से 02 बजकर 46 मिनट तक

दिशा शूल – पूर्व

Back to top button