नगर निगम प्रॉपर्टी टैक्स भरने वालों पर करेगा कार्रवाई, हो जाएं सावधान!

नगर निगम ने इस साल कम प्रापर्टी टैक्स भरने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। कम टैक्स भरने वाली कामर्शियल प्रॉपर्टी की रिटर्नों की पड़ताल शुरू कर दी है। इसमें पहले एक जोन की प्रापर्टी टैक्स रिटर्नों की जांच की जा रही है। इसमें संबंधित प्रॉपर्टी के मालिकों को निगम ने असेसमेंट करके बनता टैक्स जमा करवाने के लिए नोटिस भेजे थे। वहीं कुछेक की तरफ से नोटिसों के जवाब में एतराज जमा करवाए गए हैं।

निगम के मुताबिक कुछ करदाताओं ने बनता टैक्स कम भरा है। कुछेक ने किराएदार से कम टैक्स वसूलना दिखाकर बनता टैक्स अदा नहीं किया है। अब ऐसी प्रॉपर्टी की असेसमेंट करके निगम ने बनता टैक्स अदा करने के लिए कहा है। इसमें प्रापर्टी से संबंधित करदाता से रेंट डीड व अन्य दस्तावेज मंगवाए जा रहे हैं, ताकि असल में वसूला जाने वाला किराया सामने आए। इसके अलावा कामर्शियल अदारा कब से और कौन चला रहा है, इसको भी वैरीफाई किया जा रहा है।

फिलहाल निगम ने एक जोन में यह सर्वे शुरू किया। इसमें प्रापर्टी टैक्स ब्रांच के इंस्पैक्टर पवन कुमार, राकेश कुमार व हरकमल सिंह की अगुआई में टीम डोर-टू-डोर जाकर सर्वे की रही है। लोगों द्वारा भरे गए टैक्स की जांच कर रही है। इसके बाद कम टैक्स भरने वाली अन्य प्रॉपर्टी भी निगम के निशाने पर रहेंगी। निगम के पास रिहायशी व कमर्शियल और इंडस्ट्रीयल मिला कर करीब 47 हजार प्रॉपर्टी हैं, जिससे हर साल प्रॉपर्टी टैक्स वसूला जाता है।

लोगों को बिना छूट के साल 2023-24 का पूरा टैक्स 31 दिसंबर तक भरना होगा
नगर निगम ने लोगों को प्रापर्टी टैक्स जमा करवाने पर 30 सितंबर तक 10 फीसदी छूट की सुविधा दी थी जो अब निकल चुकी है। अब लोगों को बिना छूट के साल 2023-24 का पूरा टैक्स 31 दिसंबर तक पूरा भरना होगा। इसके बाद एक जनवरी से 31 मार्च तक 10 फीसदी जुर्माना और एक अप्रैल के बाद टैक्स भरने पर 20 फीसदी जुर्माना और 18 फीसदी ब्याज भरना होगा। दूसरी तरफ प्रापर्टी टैक्स को लेकर शहर में जो लोग डिफाल्टर हैं। जिन्होंने पिछले सालों का टैक्स जमा नहीं करवाया है, उनके लिए 31 दिसंबर तक विशेष छूट की सुविधा अभी बरकरार है।

निगम के अनुसार जिन्होंने पिछले वर्षों में भी टैक्स नहीं भरा वो 31 दिसंबर तक पैनल्टी पर 100 फीसदी छूट के साथ वन टाइम सेटलमेंट कर सकते हैं। 31 दिसंबर के बाद उन्हें पैनल्टी में 50 फीसदी छूट मिलेगी। नगर निगम के प्रदीप कुमार का कहना है कि कम टैक्स भरने वाले प्रॉपर्टी की रिटर्नों की जांच शुरू की गई है, ताकि सही टैक्स भरवाया जा सके और उनपर बनती कार्रवाई की जा सके।

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