प्रशासनिक सचिवों को निर्देश जारी, पड़ोसी देशों से परियोजनाओं के लिए उपकरणों की खरीद पर सख्ती

पाकिस्तान और चीन से इस तरह के द्विपक्षीय संबंधों पर भारत सरकार पहले से ही सख्त है। अब नेपाल, भूटान, बांग्ला देश, म्यानमार जैसे देशों के साथ भी तमाम निर्देशों को देखकर कोई निविदा लगानी होगी।
पड़ोसी देशों से हिमाचल प्रदेश में चल रही परियोजनाओं के लिए विभिन्न उपकरणों और वस्तुओं की खरीद पर सख्ती कर दी गई है। प्रधान सचिव वित्त देवेश कुमार ने सभी प्रशासनिक सचिवों को इस संबंध में निर्देश जारी किए हैं। जिन देशों से भारत की सीमाएं लगती हैं, उनसे विभिन्न श्रेणियों में चिन्हित वस्तुएं और सेवाएं लेने पर कड़ाई की गई है।
कॉन्ट्रैक्ट लेने के बाद सब कॉन्ट्रैक्ट भी नहीं दिए जा सकेंगे, अगर ऐसी फर्में केंद्र सरकार की ओर से जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार पंजीकृत न हों। केंद्रीय वित्त मंत्रालय के व्यय विभाग के प्रॉक्यूरमेंट पाॅलिसी डिविजन के उप निदेशक अनिल कुमार ने इस संबंध में एक चिट्टी हाल ही में हिमाचल प्रदेश के मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना को भेजी है।
सक्सेना ने इसे प्रधान सचिव वित्त को भेजा है। वहीं, प्रधान सचिव वित्त देवेश कुमार ने सभी प्रशासनिक सचिवों को इन दिशा-निर्देशों को ध्यान में रखने को कहा है। पाकिस्तान और चीन से इस तरह के द्विपक्षीय संबंधों पर भारत सरकार पहले से ही सख्त है। अब नेपाल, भूटान, बांग्ला देश, म्यानमार जैसे देशों के साथ भी तमाम निर्देशों को देखकर कोई निविदा लगानी होगी।
संवेदनशील क्षेत्र- एटॉमिक ऊर्जा, रक्षा, संचार, ऊर्जा उत्पादन, वितरण, वित्त एवं बैंकिंग, नागरिक उड्डयन, बांध, नदी घाटी परियोजनाएं, इलेक्ट्रॉनिक एवं माइक्रो इलेक्ट्रॉनिक्स, मौसम, खनन, रेलवे, फार्मासियूटिकल एवं मेडिकल उपकरण, कृषि, बागवानी, शहरी यातायात, स्वास्थ्य।
संवेदनशील तकनीक- सॉफ्टवेयर, जेनेटिक इंजीनियरिंग, बायोलॉजिकल तकनीक, केमिकल तकनीक, ब्रोडकास्टिंग, सैटेलाइट कम्युनिकेशन आदि से संबंधित तकनीक, इलेक्ट्रॉनिक प्रोग्रामिंग, थ्री-डी प्रिंटिंग।