32 हजार करोड़ से दुनिया का सबसे बड़ा धार्मिक केंद्र बनेगी अयोध्या

सप्तपुरियों में श्रेष्ठ भगवान श्रीराम की जन्मभूमि अयोध्या आदिकाल से ही दुनिया का मार्गदर्शन करती रही है। अयोध्या अब एक बार फिर विश्व भर के लिए नजीर बनेगी। रामनगरी 32 हजार करोड़ से दुनिया का सबसे बड़ा धार्मिक हब बनने की ओर तेजी से बढ़ रही है।

जल्द ही यहां मंदिरों का एक अनूठा संग्रहालय भी बनने जा रहा है, जिसमें दुनिया भर के प्राचीन मंदिरों की झलक दिखेगी। सरकार का लक्ष्य अयोध्या को विश्वस्तरीय धार्मिक पर्यटन नगरी के रूप में विकसित करने का है। अयोध्या को लेकर सरकार की गंभीरता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि खुद पीएम नरेंद्र मोदी की नजर अयोध्या की विकास योजनाओं पर है। मंगलवार को पीएम ने अयोध्या के विकास को लेकर दिल्ली में बैठक की।

बैठक में सीएम योगी, नगर विकास मंत्री अरविंद शर्मा, कमिश्नर गौरव दयाल व डीएम नितीश कुमार मौजूद थे। पीएम की बैठक के बाद बुधवार को अयोध्या में हलचल भी दिखी। कमिश्नर ने सभी विभागीय अधिकारियों के साथ बैठक की और विकास योजनाओं की गति बढ़ाने का निर्देश दिया है।

हर साल आएंगे 10 करोड़ लोग

राममंदिर निर्माण शुरू होते ही अयोध्या में पर्यटकों व श्रद्धालुओं की संख्या चार गुना बढ़ गई है। पिछले साल अयोध्या में चार करोड़ श्रद्धालु आए। अनुमान है कि मंंदिर खुलने के बाद हर साल करीब 10 करोड़ श्रद्धालु आएंगे। 26 बड़े होटलों का निर्माण होने जा रहा है। सरयू में क्रूज चलाने की तैयारी है।

पालकी शोभायात्रा में विराजेंगे रामलला

प्राण प्रतिष्ठा से पहले रामलला को पंचक्रोशी परिक्रमा कराई जाए, इसको लेकर मंथन हो रहा है। पंचकोसीय परिधि में रामकोट परिक्रमा की तर्ज पर शोभायात्रा निकालने पर भी विचार हो रहा है। प्राण प्रतिष्ठा के बाद अन्य मंदिरों की तरह राम जन्मभूमि से भी रामलला के चल विग्रह की पालकी यात्रा शोभायात्रा निकाली जाएगी।

प्रतिदिन 60 हजार लोगों के लिए होगी भोजन की व्यवस्था

श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की तैयारियां तेज कर दी हैं। ट्रस्ट का जोर महोत्सव में आने वाले भक्तों की सुविधाओं पर है। ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने कहा कि ट्रस्ट की ओर से रसोई संचालित की जाएगी। इसके लिए 15 स्थानों का चयन किया जा चुका है।

उन्होंने बताया कि प्रवेश मार्ग, बाजार, मठ-मंदिरों के आस-पास सीता रसोई की स्थापना की जा रही है। एक रसोई पर सुबह आठ बजे से शाम चार बजे तक भक्तों को प्रसाद दिया जाएगा। लोगों के इलाज की भी व्यवस्था की जाएगी। इसके लिए 15 स्थानों पर मेडिकल कैंप लगेंगे जहां डॉक्टरों की टीम रहेगी।

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