मथुरा जन्मभूमि और बांके बिहारी मंदिर पर जन्माष्टमी इस दिन मनेगी जन्माष्टमी,1.5 लाख की पोशाक धारण करेंगे बांकेबिहारी
श्रीकृष्ण जन्माष्टमी की तैयारियां मथुरा और वृंदावन में तेजी से शुरू हो गई हैं। यहां तारीखों को लेकर असमंजस की जो स्थिती बनी हुई थी, वो भी खत्म हो गई है। मथुरा जन्मभूमि और बांके बिहारी मंदिर पर एक ही दिन यानि 7 सितंबर को जन्माष्टमी मनाई जाएगी।
श्रीकृष्ण जन्माष्टमी कार्यक्रम की समय सारिणी
- 7 सितंबर की रात्रि में श्रीकृष्ण जन्म महाभिषेक कार्यक्रम श्रीभागवत भवन मंदिर में होगा।
- श्री गणपति एवं नवग्रह स्थापना- पूजन आदि रात्रि 11:00 बजे से।
- सहस्त्रार्चन (कमल पुष्प एवं तुलसीदल से) रात्रि 11:55 बजे तक।
- प्राकट्य दर्शन हेतु पट बंद रात्रि 11:59 बजे।
- प्राकट्य दर्शन/आरती रात्रि 12:00 बजे से 12:05 बजे तक।
- पयोधर महाभिषेक कामधेनु रात्रि 12:05 बजे से 12:20 बजे तक।
- रजत कमल पुष्प में विराजमान ठाकुरजी का जन्म महाभिषेक रात्रि 12:20 बजे से 12:40 बजे तक।
- शृंगार आरती रात्रि 12:40 बजे से 12:50 बजे तक।
- शयन आरती रात्रि 1:25 बजे से 1:30 बजे तक।
बिहारी जी की पोशाक हुई तैयार
वहीं श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के अवसर पर ठाकुर बांकेबिहारी पीले और केसरिया रंग की पोशाक धारण कर भक्तों को दर्शन देंगे। इसके लिए मंदिर के सेवायत द्वारा आगरा के एक श्रद्धालु के सहयोग से वृंदावन के कारीगरों द्वारा पोशाक तैयार कराई जा रही है, जिसकी कीमत लगभग 1.5 लाख रुपए है।
चल रही सेवा की तैयारी
मंदिर के सेवायत गोस्वामी महाभिषेक के लिए पंचामृत, पोशाक, भोग और निज मंदिर में होने वाली अन्य सेवाओं की तैयारियों में लगे हैं। श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के दिन ठाकुर बांकेबिहारी की सेवा करने वाले सेवाधिकारी आनंद गोस्वामी ने बताया कि सात सितंबर को भाद्र पद कृष्ण पक्ष की अष्टमी को मंदिर में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी मनाई जा रही है। इस दिन ठाकुरजी पीले और केसरिया रंग की पोशाक धारण करेंगे।
पोशाक तैयार करने में लगे 15 दिन
ठाकुरजी के भक्त आगरा के एक सीए के सहयोग से वृंदावन के कारीगरों द्वारा विशेष पोशाक तैयार की जा रही है। जरी के कपड़े की पोशाक पर बेल बूटों का काम किया जा रह है। इस पोशाक को तैयार करने में कारीगरों को करीब 15 दिनों का समय लगा। श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर जन-जन के आराध्य ठाकुर बांकेबिहारी के लिए चांदी का नया स्नान पात्र बनवाया गया है, जिसमें ठाकुरजी का महाभिषेक होगा और चांदी का छत्र भी लगाया जाएगा। यह स्नान पात्र एवं छत्र 11 किलो चांदी के बने हैं।