मंगला गौरी व्रत करने से अविवहित लड़कियों की शीघ्र शादी के बनेंगे योग
सावन का महीना भगवान शिव को समर्पित होता है। इस महीने में श्रद्धा भाव से भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा उपासना की जाती है। सावन महीने के हर मंगलवार को मंगला गौरी व्रत किया जाता है। इस दिन माता पार्वती के निमित्त व्रत रखा जाता है। विवाहित और अविवाहित स्त्रियां मंगला गौरी व्रत करती हैं। मंगला गौरी व्रत करने से अविवहित लड़कियों की शीघ्र शादी के योग बनने लगते हैं। वहीं, विवाहित महिलाओं को सुख सौभागय और संतान की प्राप्ति होती है। ज्योतिष भी अविवाहित लड़कियों को मंगला गौरी व्रत करने की सलाह देते हैं। इस व्रत को करने से मंगल दोष का प्रभाव भी समाप्त होता है। अगर आपकी शादी में बाधा आ रही है, तो मंगला गौरी व्रत के दिन ये उपाय जरूर करें। आइए जानते हैं-
मंगला गौरी व्रत के उपाय
– अगर आपकी शादी में बाधा आ रही है, तो मंगला गौरी व्रत के दिन स्नान-ध्यान करने के बाद मां गौरी को सिंदूर अर्पित करें। अब अर्पित सिंदूर से माथे पर तिलक करें। साथ ही पूजा के समय गौरी स्तुति करें। गौरी स्तुति के पाठ से शीघ्र विवाह के योग बनने लगते हैं।
– विवाह में बाधा मंगल दोष रहने के चलते भी आती है। अतः मंगल दोष दूर करने के लिए मंगला गौरी व्रत के दिन पूजा के समय ‘ॐ गौरीशंकराय नमः’ मंत्र का एक माला जाप करें।
-शीघ्र विवाह के लिए मंगला गौरी व्रत के दिन पूजा के समय निम्न मंत्रों का जाप करें।
1.
कात्यायनि महामाये महायोगिन्यधीश्वरि।
नन्द गोपसुतं देविपतिं मे कुरु ते नमः॥
2.
ॐ देवेन्द्राणि नमस्तुभ्यं देवेन्द्रप्रिय भामिनि ।
विवाहं भाग्यमारोग्यं शीघ्रलाभं च देहि मे ॥
3.
हे गौरी शंकरार्धांगि। यथा त्वं शंकरप्रिया ।|
तथा माँ कुरु कल्याणि। कान्त कांता सुदुर्लभाम्।।
4.
ॐ शं शंकराय सकल जन्मार्जित पाप विध्वंस नाय पुरुषार्थ
चतुस्टय लाभाय च पतिं मे देहि कुरु-कुरु स्वाहा ।।
– ज्योतिषियों की मानें तो मंगला गौरी व्रत पर मां गौरी को श्रृंगार का सामान भेंट करने से शीघ्र विवाह के योग बनते हैं। अतः मंगला गौरी व्रत के दिन मां गौरी को सोलह श्रृंगार अवश्य अर्पित करें।
– मंगल दोष से निजात पाने के लिए मंगला गौरी व्रत के दिन मसूर दाल का दान करें। इस उपाय को करने से मंगल दोष का प्रभाव समाप्त होता है।