जानिए टमाटर कब होगा सस्ता? सरकार शुरू करेगी ‘टोमैटो ग्रांड चैलेंज..
देश में मानसून की दस्तक से पहले ही बारिश को दौर शुरू हो गया। दिल्ली, यूपी, हिमाचल, उत्तराखंड और अन्य राज्यों में झमाझम बारिश हो रही है। नई दिल्ली के आईटीओ और अन्य इलाकों में भारी बारिश देखी गई। लगातार बारिश के कारण हाल ही में देश भर के बाजारों में टमाटर की कीमतें 10-20 रुपये प्रति किलोग्राम से बढ़कर 80-100 रुपये प्रति किलोग्राम हो गई हैं।
मुंबई स्थित कमोडिटी बाजार विशेषज्ञ और केडिया एडवाइजरी के प्रमुख अजय केडिया ने कहा, “इस साल, कई कारणों से पिछले वर्षों की तुलना में कम टमाटर बोए गए थे। पिछले साल बीन्स की कीमत बढ़ने के कारण, कई किसानों ने इसकी खेती करना शुरू कर दिया। हालांकि, मानसूनी बारिश की कमी के कारण फसलें सूख गईं और मुरझा गईं।
दक्षिणी राज्य कर्नाटक और इसकी राजधानी बेंगलुरु में भी टमाटर की कीमतें आसमान छू रही हैं क्योंकि लगातार बारिश से फसल को नुकसान हुआ है और परिवहन मुश्किल हो गया है। बेंगलुरु के एक बाजार में टमाटर की कीमत 100 रुपये प्रति किलोग्राम तक पहुंच गई और व्यापारियों ने कहा कि भारी बारिश के कारण फसल खराब हो गई है।
यूपी के कानपुर बाजार में एक हफ्ते पहले 40 से 50 रुपये प्रति किलो बिकने वाला टमाटर अब 100 रुपये प्रति किलो बिक रहा है, जबकि दिल्ली में यह 80 रुपये प्रति किलो बिक रहा है। उत्तर प्रदेश के कानपुर में जरूरी सब्जियों की भारी कमी आम लोगों की जेब पर भारी पड़ रही है। थोक कीमतें 80-90 रुपये प्रति किलोग्राम हैं, और खुदरा दुकानें 100 रुपये प्रति किलोग्राम पर टमाटर बेच रही हैं।
कानपुर के एक बाजार के सब्जी विक्रेताओं के अनुसार, टमाटर के एक प्रमुख आपूर्तिकर्ता, कर्नाटक में भारी बारिश हुई जिससे फसलें नष्ट हो गईं। विक्रेताओं ने कहा कि केवल 10 दिनों में कीमतें बढ़ गईं और आगे भी बढ़ने की संभावना है।
उपभोक्ता मामलों के विभाग के तहत मूल्य निगरानी प्रभाग द्वारा बनाए गए डेटाबेस के अनुसार, खुदरा बाजारों में प्रति किलो टमाटर औसतन 25 रुपये से बढ़कर 41 रुपये हो गया। खुदरा बाजारों में टमाटर की अधिकतम कीमतें 80-113 रुपये के बीच रहीं। मुख्य सब्जियों की दरें थोक बाजारों में उनकी कीमतों में वृद्धि के अनुरूप थीं, जो जून में औसतन लगभग 60-70 प्रतिशत बढ़ीं।
उपभोक्ता मामलों के सचिव रोहित कुमार सिंह ने कहा कि टमाटर की कीमतों में बढ़ोतरी अस्थायी है और जल्द ही कीमतें कम हो जाएंगी। उन्होंने कहा कि यह बहुत जल्द ही खराब होने वाली सब्जी है। देश के कई क्षेत्रों में अचानक बारिश होने से परिवहन में दिक्कतें आ जाती हैं, जिसके चलते मंडियों में टमाटर नहीं पहुंच पाता है और कीमतें बढ़ जाती हैं। प्रत्येक साल बारिश के दौरान टमाटर की कीमतें बढ़ जाती है। 2022-23 में टमाटर का उत्पादन 20.62 मिलियन टन होने का अनुमान है।
विभाग ने कहा कि 27 जून को अखिल भारतीय आधार पर टमाटर की औसत कीमत 46 रुपये प्रति किलोग्राम थी, लेकिन अधिकतम कीमत 122 रुपये प्रति किलो भी रिकार्ड की गई। दिल्ली में टमाटर की खुदरा कीमत 60 रुपये, मुंबई में 42 रुपये, कोलकाता में 75 रुपये और चेन्नई में 67 रुपये प्रति किलोग्राम हैं। गोरखपुर और कर्नाटक के बेल्लारी में सर्वाधिक 122 रुपये प्रति किलो पर टमाटर बेचा जा रहा है।
राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में मदर डेरी के सफल स्टोर पर टमाटर की कीमतें पिछले एक सप्ताह में दोगुनी होकर लगभग 80 रुपये प्रति किलोग्राम पर पहुंच गई हैं। मोबाइल एप के जरिये ताजे फल और सब्जियों की मार्के¨टग करने वाली एग्रीटेक स्टार्टअप ओटिपाई 86 रुपये प्रति किलो पर टमाटर बेच रही है। ई-कामर्स प्लेटफार्म बिग बास्केट पर टमाटर 80-85 रुपये प्रति किलो मिल रहा है।
सरकार शुरू करेगी ‘टोमैटो ग्रांड चैलेंज’
टमाटर की कीमत में अचानक तेजी और गिरावट से निपटने के लिए उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय 30 जून को ‘टोमैटो ग्रांड चैलेंज’ की शुरुआत करेगा। इसका उद्देश्य टमाटर के उत्पादन, प्रसंस्करण और भंडारण में सुधार के लिए नवीन विचारों को आमंत्रित करना है। मंत्रालय ने कहा, ‘इसी तरह का चैलेंज हमने प्याज के क्षेत्र में शुरू किया था। इस संबंध में लगभग 600 विचार प्राप्त हुए थे, जिनमें से 13 विचारों पर अब विशेषज्ञों के मार्गदर्शन में काम किया जा रहा है।