उज्जैन में एक विशेष अदालत ने 2019 में हुए डबल मर्डर केस में हत्यारे को दोहरी उम्रकैद की सजा सुनाई..
मध्य प्रदेश के उज्जैन में एक विशेष अदालत ने 2019 में हुए डबल मर्डर केस में हत्यारे को दोहरी उम्रकैद की सजा सुनाई है। यह सजा विशेष न्यायाधीश ने गवाह नहीं होने के कारण वैज्ञानिक साक्ष्य के आधार पर सुनाई है। पूरा मामला साढ़े 3 साल पुराना है, जहां अवैध संबंधों के चलते पत्नी और सौतेले बेटे की चाकू से गोदकर हत्या कर दी गई थी। पड़ोसी की रिपोर्ट के आधार पर चिमनगंज थाना पुलिस ने इस संबध में मामला दर्ज कर चालान कोर्ट में पेश किया था, जिसका फैसला शनिवार को आया है।
उज्जैन शहर के आगर रोड इलाके में नवंबर 2019 में दोहरा हत्याकांड हुआ था जिसमें पत्नी और सौतेले बेटे की हत्या का मामला सामने आया था। पुलिस ने पड़ोसियों के रिपोर्ट के आधार पर पति अनिल को गिरफ्तार किया था। पुलिस की जांच में हत्याकांड का मुख्य कारण अवैध संबंध बताया गया था। मिली जानकारी के अनुसार, आगर रोड स्थित संजय नगर में रहने वाले बस ड्राइवर अनिल यादव ने अपने पति से अलग हो चुकी छिंदवाड़ा निवासी सरिता से शादी की थी। शादी के बाद सरिता का बेटा अभय भी उनके साथ रहता था। शादीशुदा होने के बाद भी अनिल के इंदौर निवासी महिला से अवैध संबंध बन गए थे। इस बात का पता चलने पर पत्नी सविता ने पति के अवैध संबंध का विरोध किया था। उसके बाद भी पति नहीं मान रहा था। इस बात को लेकर घर में रोज-रोज विवाद होता रहता था।
विवाद का चलते की हत्या
अवैध संबंधों को लेकर पत्नी सरिता द्वारा टोकाटाकी और रोज-रोज के झगड़े से छुटकारा पाने के लिए अनिल सरिता की हत्या करने का फैसला कर लिया और 7 नवंबर 2019 की रात को वह चाकू लेकर घर पहुंचा और पत्नी सरिता से विवाद होने पर उसने सरिता पर चाकू से हमला कर दिया। चाकू के वार से सरिता की चीख सुन बेटा अभय बाहर आया तो अनिल ने उसकी भी चाकू मारकर हत्या कर दी और वहां से भाग गया।
पड़ोसी ने की थी रिपोर्ट
पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार, हत्याकांड के बाद पड़ोसी विजय आठिया ने थाना चिमनगंज पहुंचकर इसकी रिपोर्ट दर्ज कराई थी। चिमनगंज पुलिस ने उसी आधार पर पड़ोसी को गवाह बनाया था, लेकिन पड़ोसी ने उसे हत्या करते हुए नहीं देखा था। सिर्फ भागते हुए देखा था। उसने रिपोर्ट में जिक्र किया था कि हत्या कर जब अनिल भाग रहा था और पकड़ा था तो उसके हाथ में चोट लगी हुई थी और खून भी लगा हुआ था।
डीएनए और खून से सने कपड़ों से मिली सजा
चिमनगंज पुलिस ने जांच में पाया कि सरिता की हत्या उसके खून से सने कपड़े, चप्पल की फॉरेंसिंक जांच के साथ ही उसका डीएनए टेस्ट करवाया और इसके मजबूत रिपोर्ट पेश की। इसलिए केस में कोई गवाह नहीं होने के बावजूद भी विशेष न्यायाधीश आरके वाणी ने इसी आधार पर हत्यारे को दोहरी उम्रकैद और 20 हजार रुपये के अर्थदंड की सजा सुनाई।