10 जून के बीच भारत में मानसून दे सकता दस्तक…
अरब सागर में उठने वाला तूफान ‘बिपारजॉय’ अब चक्रवात में बदल चुका है। इसका असर अगले 24 घंटे में भारत में दिखना शुरू हो जाएगा। वहीं, इसका प्रभाव भारत में मानसून के प्रवेश पर भी पड़ेगा। आमतौर पर अब तक मानसून का दस्तक हो जाना चाहिए था, लेकिन इस वर्ष मानसून को लेकर स्पष्ट तिथि पर संशय है। इसके पीछे चक्रवात तूफान ‘बिपारजॉय’ कारण बना हुआ है।
तेजी से बढ़ रहा चक्रवाती तूफान ‘बिपारजॉय’
मौसम पूर्वानुमान एजेंसियों ने कहा कि तूफान तेजी से आगे बढ़ रहा है। मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि बंगाल की खाड़ी और अरब सागर में चक्रवाती तूफान तेजी से आगे बढ़ रहा है और इसकी गति तेज रही है। उन्होंने कहा कि जलवायु परिवर्तन के कारण लंबे समय तक अपनी तीव्रता बनाए रख सकते हैं।
बिपारजॉय’ का मानसून पर क्या पड़ेगा असर?
आईएमडी ने मंगलवार को कहा था कि चक्रवात तूफान से मानसून की स्थिति प्रभावित होने की संभावना है। आईएमडी के एक वरिष्ठ वैज्ञानिक ने कहा कि दक्षिणी प्रायद्वीप में चक्रवाती तूफान और बंगाल की खाड़ी में विकसित हो रहे कम दबाव के तूफान की वजह से कई हिस्सों में बारिश होगी।
मानसून को लेकर क्या कहता है आईएमडी?
मौसम विभाग ने बताया कि सात से 10 जून के बीच भारत में मानसून दस्तक दे सकता है। हालांकि, इस साल मानसून आने की स्थिति को लेकर कई बार तिथि बदल चुकी है। मौसम विभाग ने बताया कि केरल में मानसून के दस्तक देने के बाद 12 जून के आसपास चक्रवाती तूफान
कमजोर होना शुरू होगा।
इन राज्यों में बारिश का अलर्ट
भारत के दक्षिणी राज्यों में बारिश हो सकती है। कर्नाटक, तेलंगाना, केरल, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह सहित कुछ और दक्षिणी राज्यों में बुधवार को हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है।
मानसून के प्रवेश में हो रही देरी
बता दें कि दक्षिण-पश्चिम मानसून सामान्य तौर पर एक जून को लगभग सात दिनों के कमी या बढ़ोत्तरी के साथ केरल में प्रवेश करता है। वहीं, मई के मध्य में आईएमडी ने कहा था कि मानसून चार जून तक केरल में आ सकता है। पिछले साल 29 मई, 2021 में तीन जून, 2020 में एक जून, 2019 में आठ जून और 2018 में 29 मई को मानसून भारत में पहुंचा था।