आईटीआर फॉर्म में भरते समय हमें सावधान रहना चाहिए, आइए जानते हैं विस्तार से …
देश में काफी सारे लोग खुद टैक्स भरना पसंद करते हैं। वित्त वर्ष 2022-23 के लिए इनकम टैक्स भरने की आखिरी तारीख 31 जुलाई 2023 निर्धारित की गई है इस तारीख से पहले सभी टैक्सपेयर को अपने टैक्स का भुगतान करना है।
कई बार देखा जाता है कि टैक्स भरते समय कुछ गलतियां सभी लोग करते हैं जिसके कारण उन्हें इनकम टैक्स का नोटिस मिलता है।
ITR भरते समय कौन सी गलतियां करते हैं टैक्सपेयर्स?
गलत आईटीआर फॉर्म का चयन
टैक्सपेयर्स की ओर से गलत आईटीआर फॉर्म का चयन सबसे ज्यादा होने वाली गलती है। इससे आपके इनकम टैक्स भरने का पूरा प्रोसेस गलत हो जाता है। इस कारण आपके आईटीआर को इनकम टैक्स डिपार्टमेंट को ओर से रिजेक्ट भी कर दिया जाता है।
ब्याज से आय
आईटीआर भरते समय हमें सभी सोर्स से होने वाली आय को रिपोर्ट करना होता है। कई बार देखा जाता है कि लोग अपनी सैलरी, कैपिटल गेन और प्रॉपर्टी से होने वाली इनकम रिपोर्ट कर देते हैं, लेकिन ब्याज से प्राप्त होने वाली राशि को अपनी आय में नहीं जोड़ते हैं। इस कारण कई बार आईटीआर भरने के बाद इनकम टैक्स विभाग आप पर पेनल्टी लगा देता है।
बैंक अकाउंट को प्री-वैलीडेट कराना
इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करते समय अपने बैंक अकाउंट को प्री-वैलीडेट करना बेहद जरूरी होता है, क्योंकि अगर आपके अतिरिक्त टैक्स का भुगतान किया होता है तो इसी खाते में आपको रिफंड प्राप्त होता है।
अगर आप अपने खाते को प्री-वैलीडेट नहीं कराते हैं तो इनकम टैक्स डिपार्टमेंट आपके रिफंड को बैंक खाते में नहीं भेज पाता है।
गलत असेसमेंट इयर का चयन
गलत असेसमेंट इयर का चयन एक आम गलती है। इस बार सही जानकारी न होने के चलते निवेशक गलत असेसमेंट इयर का चयन कर लेते हैं। इस कारण टेक्सपेयर का आईटीआर गलत हो जाता है और इनकम टैक्स विभाग आपके फॉर्म को रिजेक्ट कर देता है।
आईटीआर को वैरीफाई न करना
आईटीआर को वैरीफाई न करना एक आम गलती है जो कि टैक्सपेयर्स अक्सर कर देते हैं। इस कारण कई बार उन्हें इनकम टैक्स विभाग से नोटिस भी मिल जाता है। इसे ठीक करने में काफी समय भी लग जाता है। मौजूदा समय में आईटीआर भरने के बाद उसे वैरिफाई करने के लिए 30 दिन का समय दिया जाता है।