गंगा दशहरा पर लाखों श्रद्धालुओं ने लगाई आस्था की डुबकी
हर किसी ने पुण्य की डुबकी लगाकर मोक्ष की कामना की
हर-हर गंगे के जयकारों से गूंजे घाट, गंगा आरती में मंत्र
–सुरेश गांधी
वाराणसी : धर्म एवं आस्था की लगरी काशी में गंगा दशहरा के मौके पर घाटों गंगा में स्नान को श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ा। लाखों श्रद्धालुओं ने मां गंगा में आस्था की डुबकी लगाई। मंगलवार भोर से ही दशाश्मेघ घाट से लेकर अस्सी तक व राजेन्द्र प्रसाद घाट से लेकर राजघाट तक श्रद्धालुओं से खचाखच भर गया था। जैसे ही शुभ मुहूर्त की बेला आयी श्रद्धालुओं ने गंगा में डुबकी लगाई और सूर्य नारायण को अर्घ्य देकर मां गंगा को पुष्प और दीप अर्पित कर पुण्य कमाया। साथ ही बच्चों का मुंडन संस्कार भी कराया गया। इसके साथ ही गंगा घाटों पर भारी पुलिस बल भी तैनात रहा। पुलिस की सतर्कता के चलते इस बार भी लहुराबीर से गोदौलिया पर जाम तो नहीं लगा, लेकिन अफरा-तफरी का माहौल जरुर रहा। साथ ही गंगा घाट हर हर गंगे के जयकारों से गुंजायमान रहे। गंगा दशहरा के मौके पर प्रशासन ने घाटों पर जरूरी इंतजाम कराया है। महिलाओं के लिए कपड़े चेंज करने के लिए चेंजिंग रूम बनाए गए हैं। घाटों पर डीप वाटर बैरिकेटिंग की गई है। गहरे पानी में श्रद्धालु न जा सके, इसके लिए घाटों पर जल पुलिस की भी तैनाती की गई है.
गंगा स्नान के लिए सोमवार शाम के बाद से ही आसपास के लोग व पड़ोसी जनपदों और राज्यों के श्रद्धालु घाटों पर पहुंचने शुरू हो गए थे। शहर के प्राचीन दशाश्वमेध घाट, शीतला घाट, अहिल्याबाई घाट, पंचगंगा घाट, अस्सी घाट, केदार घाट, खिड़किया घाट, भैंसासुर घाट पर स्नान के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ जुटी रही। श्रद्धालुओं के चलते घाटों पर मेले जैसा दृश्य रहा। उधर, सुरक्षा को देखते हुए गंगा की गहराई होने पर खतरे का निशान लगाते हुए बैरीकेडिंग की गई थी। बोट में बैठकर पुलिस कर्मी व पीएसी की टीम ने श्रद्धालुओं पर कड़ी नजर बनाए रखी। इस दौरान गंगा तट पर रंगारंग सांस्कृतिक आयोजन भी किए गए। मान्यता है कि गंगा दशहरा के दिन ही मोक्षदायिनी गंगा का पृथ्वी पर अवतरण हुआ था. भागीरथ अपने पूर्वजों की आत्मा का उद्धार करने के लिए गंगा को पृथ्वी पर लेकर आए थे. इसी कारण गंगा को भागीरथी भी कहा जाता है. हिंदू धर्म में गंगा को मां का दर्जा दिया गया है. यही वजह है कि बड़ी संख्या में श्रद्धालु आज के दिन मां गंगा की गोद में पुण्य की डुबकी लगाने के लिए दूर दराज से पहुंचे हैं.
आज के दिन गंगा स्नान विशेष फलदाई माना गया है। आज के दिन गंगा में स्नान करने से मनुष्य को कायिक, वाचिक और मानसिक के दस तरह के पापों से मुक्ति मिल जाती है. गंगा दशहरा के मौके पर स्नान के बाद दान का भी विशेष महत्व है। यही वजह है कि श्रद्धालु आज के दिन सत्तू, गुड, फल के अलावा अंगौछा, छाता और पानी के घड़े का दान कर रहें हैं. गंगाजल बहुत ही पवित्र और पूजनीय माना जाता है. किसी भी शुभ कार्य और पूजा अनुष्ठान में गंगाजल का प्रयोग जरूर किया जाता है. गंगा भवतारिणी हैं, इसलिए हिंदू धर्म में गंगा दशहरा का विशेष महत्व माना जाता है. इसलिए इस दिन गंगा घाट पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ देखने को मिलती है. इस दिन गंगा के घाट पर भव्य गंगा आरती भी होती है.