नीतीश सरकार ने राज्य में लंबित दाखिल खारिज मामलों को 30 जून तक निपटाने का दिया निर्देश…

राजस्व और भूमि सुधार विभाग ने मंगलवार को राजस्व मंत्री आलोक कुमार मेहता की अध्यक्षता में समीक्षा बैठक में भूमि रिकॉर्ड में पारदर्शिता लाने के लिए 38 जिलों में एडीएम रैंक के अधिकारियों और वरिष्ठ अधिकारियों को सभी लंबित दाखिल खारिज मामलों को 30 जून तक निपटाने का निर्देश दिया। अधिकारियों ने कहा कि पटना जिले में नामांतरण के 10094 लंबित मामले सबसे ज्यादा हैं। उसके बाद रोहतास (4517), मुजफ्फरपुर (4281) जबकि लखीसराय और बांका जिलों में दाखिल खारिज के मामलों की संख्या सबसे कम है।

प्राथमिकता पर निपटाए जाए दाखिल-खारिज के मामले
राजस्व विभाग ने एक निर्देश भी जारी किया है, कि अगर कोई छुट्टी पर जाता है तो दाखिल खारिज के लंबित मामलों को अंचल अधिकारियों या राजस्व अधिकारियों के साथ प्राथमिकता के आधार पर निपटाया जाना चाहिए। एक प्रेस बयान में कहा गया है कि यह फैसला ये सुनिश्चित करने के लिए लिया गया था कि म्यूटेशन और लंबित मामलों से संबंधित कार्य प्राथमिकता पर पूरे हों।

21587 बेघरों को मिलेगी जमीन
वहीं अतिरिक्त मुख्य सचिव बृजेश मेहरोत्रा ​​और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों की मौजूदगी में समीक्षा बैठक में पात्र भूमिहीन परिवारों को आवास निर्माण के लिए भूमि उपलब्ध कराने के कार्य भी जायजा लिया गया। नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, 21597 परिवार ऐसे हैं जिनके पास भूमि नहीं है और वे आवास भूमि प्राप्त करने के पात्र हैं। विभाग की प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि सभी राजस्व अधिकारियों वास भूमि प्राप्त करने के लिए पात्र परिवारों की जिलेवार सूची तैयार करें। ताकि दिसंबर 2023 तक गरीब तबके के सभी पात्र परिवारों जमीन उपलब्ध कराने का लक्ष्य पूरा कर लिया जाए।

ऐप से सर्वेक्षण का काम जारी 
राजस्व विभाग ने राज्य में बेघर परिवारों की पहचान करने के लिए एक ऐप आधारित सर्वेक्षण पहले ही शुरू कर दिया है। ताकि सरकार के महत्वाकांक्षी कार्यक्रम के हिस्से के रूप में रिकॉर्ड को अपडेट किया जा सके। ताकि बसेरा कार्यक्रम के तहत स्थायी घर नहीं रखने वालों को घर की जमीन उपलब्ध कराई जा सके।

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