साम्प्रदायिक दंगे के मुख्य आरोपी सीएम योगी को हो सकती है जेल

अब इस मुकदमे को आगे चलाने के लिए राज्य सरकार की अनुमति जरूरी है.
राज्य सरकार से दंगे के आरोपियों के खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए मिलने वाली अनुमति में हो रही देरी पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने गुरुवार को अपनी सख्त नाराजगी जताई है. इस मामले में दाखिल याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने मुख्य सचिव को 11 मई को रिकार्ड के साथ तलब कर लिया है. कोर्ट ने चीफ सेक्रेटरी से व्यक्तिगत हलफनामा भी मांगा है.

याचिकाकर्ता मानवाधिकार कार्यकर्ता परवेज परवाज और असद हयात की ओर से दाखिल याचिका में दंगे की जांच सीबीआई या फिर किसी अन्य स्वतंत्र एजेंसी से कराए जाने की भी मांग की गई है. मामले की जांच सीबीसीआईडी ने की है लेकिन सीएम योगी समेत सभी आरोपियों के खिलाफ आईपीसी की धारा 153 ए के तहत मुकदमा पंजीकृत किया गया है. लिहाजा इस केस के तहत दर्ज मुकदमे में ट्रायल शुरू करने के लिए राज्य सरकार की अनुमति लेनी जरूरी है.

Back to top button