आप इन नेशनल पार्क में जंगल सफारी कर विभिन्न प्रकार के वन्य जीवों का दीदार कर सकते हैं तो ,आइए जानें..
ओड़िसा अपनी सभ्यता और संस्कृति के लिए जाना जाता है। इतिहास के पन्नों में ओड़िशा का नाम सुनहरे अक्षरों में लिखा है। इस प्रदेश में कई प्रमुख धार्मिक और पर्यटन स्थल हैं। इसके अलावा, कई नेशनल पार्क हैं, जो जगंल सफारी के लिए प्रसिद्ध हैं। आप इन नेशनल पार्क में जंगल सफारी कर विभिन्न प्रकार के वन्य जीवों का दीदार कर सकते हैं। आइए जानते हैं-
भीतरकनिका नेशनल पार्क
आप जंगल सफारी के लिए भीतरकनिका नेशनल पार्क जा सकते हैं। यह नेशनल पार्क ओड़िशा के केन्द्रापड़ा में 145 वर्ग किमी में फैला है। इस पार्क में आप जलीय और स्थलीय जीव जंतु का दीदार कर सकते हैं। वन्यजीवों की बात करें तो आप रीसस बंदर, चीतल, बानकर, कोबरा, हिरण, हायना, जंगली सूअर समेत अन्य जीवों को देख सकते हैं। इसके अलावा, मगरमच्छ भी देखने को मिल जाएंगे।
सिमलिपाल नेशनल पार्क
आप जंगल सफारी के लिए सिमलिपाल नेशनल पार्क भी जा सकते हैं। यह नेशनल पार्क ओड़िशा के मयूरभंज ज़िले में 326 वर्ग मील क्षेत्र में फैला है। इस पार्क में जोरांडा और बरेहीपानी वाटरफॉल्स भी हैं। साल 1956 में सिमलिपाल का चयन टाइगर रिजर्व के लिए किया गया था। आप इस पार्क में बाघ, हिरन, हाथी, हिरन, हायना, चीता, सियार, लोमड़ी आदि वन्य जीवों को देख सकते हैं।
सतकोसिया टाइगर रिज़र्व
अगर आप जंगल सफारी में बाघ का दीदार करना चाहते हैं, तो सतकोसिया टाइगर रिज़र्व घूमने जाएं। ये टाइगर रिज़र्व ओड़िशा के नयागढ़ ज़िले में है। टाइगर रिज़र्व 988.3 वर्ग किमी क्षेत्र में है। इस पार्क के मध्य से होकर महानदी निकलती है। आप सतकोसिया टाइगर रिज़र्व में बाघ के अलावा, जंगली सूअर, लकड़बग्घा, रीछ, चीता, हाथी का दीदार कर सकते हैं।
देब्रीगढ़ वन्य अभयारण्य
ओड़िशा के बरगढ़ ज़िले और सम्बलपुर ज़िले में देब्रीगढ़ वन्य अभयारण्य है। यह वन्य अभयारण्य हीराकुद बाँध के बेहद समीप है। बड़ी संख्या में पर्यटक वेकेशन पर घूमने के लिए देब्रीगढ़ वन्य अभयारण्य आते हैं। आप अपने दोस्तों और परिवारजनों के साथ जंगल सफारी के लिए देब्रीगढ़ वन्य अभयारण्य जा सकते हैं।
कोटगढ़ वन्यजीव अभयारण्य
आप ओड़िशा में स्थित कोटगढ़ वन्यजीव अभयारण्य घूमने जा सकते हैं। इस पार्क में आप विभिन्न वन्य जीव जैसे बाघ, हाथी, गौर, साम्भर, चीतल, तेन्दुआ, रीछ, जंगली मुर्गा, कृष्णमृग का दीदार कर सकते हैं। यह खूबसूरत वन्य अभयारण्य कंधमाल जिले में है।