रक्तदान की तरह ही अब महिलाएं दूध का भी करेंगी दान, लावारिस बच्चों को भी मिलेगा मां का दूध

रक्तदान की तरह ही अब महिलाएं दूध का दान भी करेंगी। इसके लिए जिला महिला अस्पताल में लैक्टेशन मैनेजमेंट यूनिट की स्थापना कराई जाएगी। इस दूध को लावारिस बच्चों के अलावा उन नवजात को भी पिलाया जाएगा जिनकी मां किसी कारणवश स्तनपान करा पाने में असमर्थ होंगी। माताओं को दूध दान करने के लिए जागरुक किया जाएगा।

शासन ने जारी किए निर्देश तो तेज हुई कवायद: नवजात को मां का दूध उपलब्ध हो सके, इसके लिए शासन ने जिला महिला अस्पताल में लैक्टेशन मैनेजमेंट यूनिट की स्थापना को हरी झंडी प्रदान की है। जिला महिला अस्पताल परिसर स्थित बाल गहन चिकित्सा इकाई के बगल में इस यूनिट की स्थापित कराने पर विचार किया जा रहा है। इस यूनिट को तैयार करने में लगभग 25 लाख रुपये खर्च होंगे। शासन से आदेश जारी होते ही जिला महिला अस्पताल प्रशासन ने तैयारियां भी तेज कर दी हैं। संभावना है कि आवश्यक उपकरणों की स्थापना कर यूनिट का संचालन जल्द शुरू कर दिया जाएगा।

12 घंटे तक सुरक्षित रखा जाएगा मां का दूध: इस यूनिट के माध्यम से महिलाएं दूध दान कर सकेंगी। डोनेट किए गए दूध को डीप फ्रीजर में संरक्षित किया जाएगा। यह दूध 12 घंटे से अधिक समय तक सुरक्षित रखकर उसका उपयोग किया जा सकता है। जिला अस्पताल प्रशासन के अनुसार अब तक लावारिस नवजात को पाउडर दूध दिया जाता है लेकिन इकाई के संचालन के बाद महिलाओं द्वारा दान किया गया दूध मिल सकेगा। इसके साथ ही उन शिशुओं को भी यह दूध दिया जाएगा जिनकी मां किसी कारणवश बच्चे को स्तनपान करा सकने में समर्थ नहीं होंगी। यह सुविधा उन्हीं महिलाओं को मिलेगी जिनका प्रसव जिला अस्पताल या फिर किसी भी सरकारी अस्पताल में हुआ हो।

महिलाओं को जागरुक करने का चलेगा अभियान: स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों का कहना है कि कई माताएं हैं जिनके प्रसव के बाद नवजात के पीने से ज्यादा दूध आता है। उन महिलाओं को जागरुक कर दूध दान करने के लिए प्रेरित किया जाएगा। इसके लिए अस्पताल में प्रसव के बाद तैनात स्टॉफ दुग्ध दान कराने की प्रक्रिया पूरी कराएंगी। रक्तदान की तरह दुग्ध दान को भी महादान की श्रेणी में रखा गया है।
महिला अस्पताल सीएमएस डॉ. पीके श्रीवास्तव ने बताया कि लैक्टेशन मैनेजमेंट यूनिट की स्थापना से संबंधित अभी लिखित में आदेश नहीं मिला है। लेकिन यूनिट कई जिलों में स्थापित हो रही है। आदेश मिलते ही 100 शैय्या युक्त मैटरनिटी विंग में स्थापित कराने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।

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