जानें रोज़ मेडिटेशन करने के इन फायदों के बारे..
न यानी मेडिटेशन एक क्रिया है, जिसमें व्यक्ति अपने मन को चेतना की एक विशेष अवस्था में लाने का प्रयास करता है। कई धार्मिक परंपराओं और मान्यताओं में प्राचीन काल से ही ध्यान के अभ्यास किया जा रहा है। अगर इसका अभ्यास रोज़ किया जाए, तो इससे आपको मानसिक संतुलन बनाए रखने में मदद मिलती है और आप स्वस्थ महसूस करते हैं।
रोज़ ध्यान करने से क्या फायदे मिलते हैं?
मानसिक स्वास्थ्य को फायदा पहुंचता है
रिसर्च से पता चलता है कि ध्यान करना हमारे मानसिक स्वास्थ्य के लिए कितना फायदेमंद होता है। इसका अभ्यास आपका तनाव दूर करता है, बेचैनी कम करता है, उदारता बढ़ाता है, आत्म-जागरूकता और आत्म-सम्मान में सुधार करता है।
उम्र बढ़ने की प्रक्रिया को धीमा करता है?
शोध में भी देखा गया है कि ध्यान का अभ्यास आपका जवां रखता है और उम्र बढ़ाता है। ऐसा इसलिए होता है कि क्योंकि ध्यान करने से तनाव कम होता जाता है। तनाव आपके शरीर पर नकारात्मक असर डालता है।
ध्यान करने से ऊर्जा बढ़ती है
ध्यान का अभ्यास आपके दिमाग को साफ करता है और जिससे आप एनर्जेटिक महसूस करते हैं। ध्यान वेगस तंत्रिका को उत्तेजित कर सकता है, जो सकारात्मक भावनाओं और आराम को बढ़ावा देता है।
बेचैनी और अवसाद को दूर करता है
ध्यान करने से बेचैनी और अवसाद के लक्षणों से आराम मिलता है। यह शरीर में प्राण के स्तर को बढ़ाता है और आयुर्वेद के मुताबिक, जैसे प्राण का स्तर बढ़ता है, वैसे ही बेचैनी कम होने लगती है।
ध्यान, फोकस और याददाश्त में सुधार करता है
ध्यान करने से फोकस बेहतर होता है और साथ ही याददाश्त में सुधार होता है। हम या तो बीते हुए समय को लेकर नाराज़ होते हैं, या तो आने वाले समय को लेकर परेशान। ध्यान आपको वर्तमान में जीने में मदद करता है। आप जैसे ही ध्यान का अभ्यास करना शुरू करेंगे, वैसे ही आपका फोकस बेहतर होना शुरू हो जाता है। ध्यान से आपका दिमाग शांत होता है, जिससे आपकी याददाश्त बेहतर होने लगती है।
ठीक होने और दर्द को मैनेज करने में मदद करता है
शोध बताते हैं कि ध्यान करने से पुराना दर्द भी ठीक हो सकता है। अगर आप रोज़ ध्यान का अभ्यास करेंगे, तो इससे पुराना दर्द जो आपको लंबे समय से परेशान कर रहा था, ठीक हो सकता है।
शरीर को पहुंचते हैं ये फायदे
मानसिक स्वास्थ्य के साथ ध्यान करने से शरीर को भी कई मिलते हैं, जैसे, हाई ब्लड प्रेशर और ऐंगज़ाइटी अटैक का कम होना, तनाव की वजह से होने वाला सिर दर्द, छाले, नींद न आना, मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द होना। मूड और स्वभाव में सुधार होना, इम्यून सिस्टम का बेहतर होना, नीद और रिश्तों में सुधार आना आदि।