क्या कभी आपने सोचा है कि आखिर खांसी और फ्लू ऐठंड के दौरान ही क्यों होता है?
जैसे ही ठंड का मौसम आता है वैसे ही एक के बाद एक सब बीमार पड़ना शुरू हो जाते हैं। सर्दी खांसी और फ्लू ऐसी बीमारियां हैं जो इस दौरान आम हो जाती हैं। लेकिन क्या कभी आपने सोचा है कि आखिर ऐसा क्यों होता है?
सर्दी का मौसम शुरू होते ही 90 फीसदी लोग सर्दी-खांसी और फ्लू का शिकार होने लगते हैं। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि ऐसा क्यों होता है? वैज्ञानिकों के पास इस बात का जवाब है कि आखिर सर्दी का मौसम बीमारियों का सीज़न क्यों बन जाता है। उनके अनुसार, इस दौरान हमारी इम्यूनिटी का स्तर गिर जाता है, जिससे बम बैक्टीरिया आसानी से गले और नाक पर अटैक करने में सफल होता है।
हार्वर्ड मेडिकल स्कूल में हुई एक स्टडी के अनुसार, ठंड के मौसम में इम्यूनिटी गिरती है, जिसकी वजह से वायरस नाक की कोशिकाओं में चिपका रहता है, जिससे संक्रमण पैदा होता है। जबकि, जर्नल ऑफ एलर्जी एंड क्लिनिकल इम्यूनोलॉजी में प्रकाशित इस अध्ययन से पता चलता है कि तेज़ गर्मी में म्यूकोसा अपनी किसी भी सुरक्षात्मक क्षमता को नहीं खोता है।
फ्लू की चपेट में आने से कैसे बचा जा सकता है?
हेल्थ एक्सपर्ट्स का मानना है कि एक्सट्रीम तापमान में एलर्जी का शिकार होना आसान हो जाता है, इससे बचने के लिए ज़रूरी है कि हम मास्क पहनें। इसके साथ ही अपनी इम्यूनिटी को मज़बूत बनाने के लिए डाइट में विटामिन्स, खनिज पदार्थ, एंटीऑक्सीडेंट्स और प्रोटीन को शामिल करें, ताकि शरीर को संक्रमण से लड़ने की ताकत मिल सके। इसके अलावा वर्कआउट करने से भी शरीर स्वस्थ रहता है। अमेरिका के सीडीसी के अनुसार, दिन में हाथों को कई बार धोने से भी आप कई तरह के इन्फेक्शन से बच सकते हैं। कोशिश करें कि अपनी आंखों, नाक, मुंह और चेहरे को न छुएं।
डॉक्टर को कब दिखाना चाहिए?
एक व्यक्ति को डॉक्टर से उस वक्त सलाह ज़रूर लेनी चाहिए, जब वह नीचे बताए गए लक्षणों का अनुभव कर रहा हो:
- सांस लेने में दिक्कत होना या सांस का फूलना
- लगातार सीने और पेट में दर्द होना
- मांसपेशियों में तेज़ दर्द या कमज़ोरी महसूस होना
- दौरे पड़ना
- पेशाब करने में दिक्कत आना
- हर कुछ दिन बाद बुखार या खांसी का लौट आना
- लगातार चक्कर आना
- इन लक्षणों का खराब होते चले जाना