आज अमरीश पुरी की 18वीं पुण्यतिथि के मौके पर जानें उनके करियर से जुड़ी ये खास बातें..

सिनेमाई दुनिया में हमेशा से ही हीरोज का बोलबाला रहा है। हीरो को जीतते देखना और विलेन को मात देना दर्शकों को शुरुआत से ही एक्साइटिड करता रहा है। लेकिन कुछ विलेन्स ऐसे भी रहे हैं, जो हीरो पर भारी पड़ते थे और उन्हें देखकर ही दर्शक उत्साहित हो जाते थे। ऐसे ही एक दमदार विलेन रहे अमरीश पुरी, जिनकी आंखें और रौबदार आवाज उन्हें एक परफेक्ट विलेन बनाती थी। अमरीश पुरी का जन्म 22 जून 1932 को हुआ था, जबकि 12 जनवरी 2005 को उन्होंने इस दुनिया को अलविदा कह दिया था। आज अमरीश पुरी की 18वीं पुण्यतिथि है, ऐसे में आपको बताते हैं उनके बारे में कुछ खास बातें….।

अमरीश का पथरीला चेहरा…
अमरीश पुरी का जन्म 22 जून 1932 को पंजाब के नवांशहर में हुआ था। अमरीश पुरी के बारे में कम ही लोगों को पता है कि वो मशहूर गायक केएल सहगल के कजिन थे। यही नहीं इनके दोनों बड़े भाई चमन पुरी और मदन पुरी भी एक्टर थे। क्योंकि दोनों भाई एक्टर थे, तो अमरीश भी शुरुआत से ही एक्टर बनना चाहते थे और सिर्फ 22 साल की उम्र में ही वो भाईयों के पास मुंबई पहुंच गए थे। लेकिन न सिर्फ अमरीश को रिजेक्ट किया गया बल्कि ये तक कह दिया गया कि उनका चेहरा हीरो जैसा नहीं बल्कि पथरीला है। इससे अमरीश का सपना टूट गया और नौकरी करने लगे। हालांकि वो थिएटर से जुड़ गए।

अमरीश ने जारी रखी मेहनत
अमरीश पुरी का सपना जरूर टूटा था लेकिन उनकी हिम्मत नहीं। जानकारी के मुताबिक अमरीश को छोटा मोटा रोल मिलता रहा और फिर उनके करियर का पहला बड़ा रोल 1970 की फिल्म प्रेम पुजारी में रहा। इसके बाद धीरे धीरे अमरीश को विलेन के रोल मिलते रहे और इसके बाद वो विलेन का दूसरा पर्याय बन गए। दैनिक भास्कर की एक रिपोर्ट के मुताबिक अमरीश पुरी के दोनों पैरों के साइज अलग थे। एक पैर 11 नंबर था जबकि दूसरा 12 नंबर।

अमरीश पुरी से डरते थे बेटे के दोस्त
अमरीश पुरी की एक्टिंग का रौब ऐसा था कि हकीकत में लोग उनसे डरते थे। बीबीसी हिंदी से बात करते हुए अमरीश पुरी के बेटे राजीव ने कहा था, ‘मैं और मेरा पूरा परिवार उन्हें कई सालों से थिएटर करते देख चुके थे और हमें पता था कि वो सिर्फ किरदार निभाते हैं थिएटर में… लेकिन मेरे दोस्त जब मेरे घर आया करते थे,तब वो मेरे पिता की मौजूदगी में हमेशा सहमे हुए रहते थे। लगातार मिलने के बाद वो उन्हें बेहतर तरीके से समझने लगे और धीरे-धीरे उनका डर ख़त्म हो गया।’

तो गोविंदा को जड़ा था थप्पड़
अमरीश पुरी वक्त के पाबंद एक्टर थे और हमेशा ही टाइम से शूट करते थे, उन्हें लेटलतीफी पसंद नहीं थी। कहा जाता है कि एक फिल्म के दौरान गोविंदा को सुबह 9 बजे पहुंचना था लेकिन वो शाम को 6 बजे पहुंचे, इस बात से नाराज अमरीश ने पहले तो उन्हें खूब खरी खोटी सुनाई और फिर गुस्से में थप्पड़ जड़ दिया था। इसके बाद दोनों कभी किसी फिल्म में साथ नहीं दिखे। इसके अलावा एक शूट के दौरान जब अमरीश के को एक्टर्स बार बार अपनी लाइन्स भूल रहे थे तो गुस्से में अमरीश शूटिंग से ही चले गए थे। इसके बाद डायरेक्टर सतीश कौशिक ने खूब कोशिशों के बाद अमरीश को मनाया और उनका सीन पहले शूट करवाया।

आमिर को फटकार और फिर माफी
यही नहीं एक बार अमरीश पुरी ने आमिर को भी फटकार लगी थी हालांकि बाद में माफी भी मांगी थी। दरअसल फिल्म जबरदस्त के शूट में आमिर खान, डायरेक्टर नासिर हुसैन को असिस्ट कर रहे थे। एक शूट में अमरीश की कंटिन्यूटी के चलते आमिर उन्हें बार बार टोक रहे थे जिससे अमरीश चिढ़ गए और आमिर को फटकार लगा दी।वहीं कुछ समय बाद नासिर, अमरीश के पास आए और कहा कि आमिर की गलती नहीं है वो आपकी गलती ठीक करवा रहा था। अमरीश को बात में पछतावा हुआ और उन्होंने आमिर से माफी भी मांगी।

विलेन का पर्याय बने अमरीश पुरी
अमरीश पुरी ने अपने करियर में ऐसे दमदार किरदार निभाए हैं, जिनके बिना हिंदी सिनेमा अधूरा कहा जा सकता है। 1987 में फ़िल्म ‘मिस्टर इंडिया’ में उनका किरदार ‘मोगैम्बो’ ऐसा हिट हुआ कि आज भी लोगों की जुबां पर’मोगैम्बो खुश हुआ’ जिंदा है। फिल्म ‘नागिन’ में उनके द्वारा निभाया गया तांत्रिक का कैरेक्टर हो, तहलका का डॉन्ग हो या दामिनी का इंद्रजीत सिंह चड्ढा, ये सभी आज भी याद किए जाते हैं। अमरीश पुरी ने ‘नसीब’, ‘विधाता’, ‘हीरो’, ‘अंधा कानून’, ‘अर्ध सत्य’, ‘हम पांच’ ‘विरासत’, ‘घातक’ ,’कोयला’, ‘त्रिदेव’, ‘विश्वात्मा’, ‘मिस्टर इंडिया’, ‘गदर’ और ‘नागिन’जैसी कई फिल्मों में जोरदार एक्टिंग की।

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