हरियाणा में साल 2022 के लिंगानुपात के चौंकाने वाले आंकड़े आए सामने, पढ़ें पूरी खबर..
अपनी छोरियों को छोरों से कम न आंकने वाले राज्य हरियाण में फिर एक बार लिंगानुपात के डराने वाले आंकड़े सामने आए हैं। लिंगानुपात के लिए कुख्याता राज्य हरिणाया की स्थिति में सुधार नहीं आ रहा है। साल 2022 के आंकड़ों पर गौर करेंगे तो स्थिति और भी खराब नजर आ रही है, जहां जन्म के समय प्रति 1000 पुरुषों की तुलना में महिलाओं की संख्या 900 से नीचे चली गई है।
साल 2022 में हरियाणा के पांच जिलों में जन्म के समय लिंगानुपात छह साल में पहली बार प्रति 1000 पुरुषों की तुलना में 900 महिलाओं से भी नीचे गिर गया है। राज्य के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने इस तरह के आंकड़े को लिंग जांच के रैकेट्स को जिम्मेदार ठहराया है। आंकड़ों पर गौर करें तो हिसार (904), करनाल (903), कुरुक्षेत्र (893), फरीदाबाद (892) और रेवाड़ी (883) के 2022 में जन्म के समय लिंगानुपात में गिरावट दर्ज की गई है। जाहिर है यह मनोहर लाल खट्टर की सरकार के लिए खतरे की घंटी है।
रिपोर्ट में बताए गए आधिकारिक डेटा के मुताबिक हिसार, करनाल, फरीदाबाद, झज्जर, कुरुक्षेत्र और रेवाड़ी का जन्म के समय लिंगानुपात 2016-17 में दर्ज किए आंकड़ों से भी नीचे चले गए हैं, जहां 2021 तक लगातार वृद्धि दर्ज की गई थी। मिसाल के तौर पर कुरुक्षेत्र में जन्म के समय लिंगानुपात 2017-18 में 924 था जिसमें लगातार सुधार होता रहा लेकिन यह पिछले साल अचानक यह घटकर 893 हो गया।
हिंदुस्तान टाइम्स से बात करते हुए हरियाणा के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने कहा, “हम पांच जिलों के जन्म के समय गिरते लिंगानुपात में आई गिरावट से चिंतित हैं। हमने उन लिंग जांच करने वाली रैकेट्स पर छापेमारी करने और अल्ट्रासाउंड मशीनों और अन्य उपकरणों की जांच के निर्देश दिए हैं। किसी तरह की ढिलाई को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।”
विज ने कहा कि उन्होंने जन्म के समय गिरने वाले लिंगानुपात से निपटने वाले फील्ड स्टाफ प्रभारी को सात दिन का समय दिया है और चेतावनी दी है कि किसी भी स्थिति में ढिलाई के लिए स्वास्थ्य विभाग के किसी भी अधिकारी को बख्शा नहीं जाएगा।
2022 में हरियाणा में लिंगानुपात प्रति 1,000 पुरुषों पर 917 महिलाएं दर्ज किया गया है। जन्म के समय लिंगानुपात के आंकड़ों का ठीक होना सेक्स रेशियो के बेहतर होने का संकेत होता। राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण (2019-21) के पांचवें दौर के आंकड़ों के मुताबिक, जन्म के समय का लिंगानुपात का राष्ट्रीय आंकड़ा प्रति 1000 पुरुषों पर 929 महिलाओं का है।
बता दें जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 22 जनवरी 2015 को पानीपत से ‘बेटी बचाओ, बेटी पढाओ’ अभियान की शुरुआत की थी तब दिसंबर 2015 में हरियाणा का कुल जन्म के समय लिंगानुपात 876 था। 2014 नागरिक पंजीकरण प्रणाली (CRS) के अनुसार 2019 में अब तक के उच्चतम 923 और दिसंबर 2020 में प्रति 1,000 पुरुषों पर 922 महिलाओं का आंकड़ा दर्ज किया गया था।
वहीं मुस्लिम बहुल जिला मेवात में आशा की किरण नजर आई है जहां 2012 से जन्म के समय लिंगानुपात 916, 917, 918, 913, 912, 908, 918, 921, 939, 926 और 936 रहा है।