अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जीरो कोविड नीति की पोल खुलने के बाद चीन ने प्रदर्शनकारियों पर किया जमकर अत्याचार

चीन में एक तरफ कोरोना अपना कहर बरपा रहा है और सेलीब्रेटी से लेकर आम लोग अपनी जान गंवा रहे हैं। दूसरी ओर भारत का यह पड़ोसी मुल्क अपनी हरकतों से बात नहीं आ रहा है। द वाशिंगटन पोस्ट की रिपोर्ट है कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जीरो कोविड नीति की पोल खुलने के बाद चीन इतना बौखला गया कि उसने विरोध प्रदर्शन करने वालों पर जमकर अत्याचार किया। पूरी ताकत प्रदर्शनकारियों को पकड़ने में लगा दी। फिर जो लोग पकड़े गए पुलिस ने बर्बरता की सारी हदें पार कर दी। कई घंटों तक उनसे कड़ी पूछताछ की गई। मारपीट हुई और परिवारवालों के साथ भी बुरा सलूक किया गया।

कोरोना के खिलाफ प्रभावशाली कदम उठाने के बजाय चीन की शी जिनपिंग सरकार ने तकरीबन तीन साल तक अपने लोगों को घरों में कैद करके रखा। किसी को भी घर से जबरन उठा दिया और महीनों तक घरवालों को खबर तक नहीं होने दी कि परिवार का सदस्य कहां और किस हाल में है? सरकार की शून्य कोविड नीति के अत्याचारों से तंग आकर लोग सड़क पर उतरे और सरकार के खिलाफ जमकर विरोध किया। 

भले ही चीन ने विरोध प्रदर्शनों के बाद अपनी ज़ीरो कोविड नीति को रद्द कर दिया, लेकिन चीन ने विरोध प्रदर्शनों में भाग लेने वाले लोगों को पुलिस हिरासत में शारिरिक उत्पीड़न किया। बीजिंग और शंघाई के कुछ प्रदर्शनकारियों ने द वाशिंगटन पोस्ट को बताय कि चीनी पुलिस द्वारा इन पूछताछ के दौरान उन्हें डिजिटल निगरानी, ​​स्ट्रिप सर्च, उनके परिवारों को धमकियों और शारीरिक दबाव का सामना करना पड़ा।

प्रदर्शनकारियों को पकड़ने में लगा दी पूरी ताकत
जीरो कोविड नीति के कारण अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कड़ी आलोचना झेलने के बाद चीन अपने लोगों से ही बदला ले रहा है। यह बिल्कुल स्पष्ट नहीं था कि विरोध प्रदर्शनों के लिए प्रदर्शनकारियों का सटीक पता कैसे संभव था? लेकिन वकीलों, विश्लेषकों, प्रदर्शनकारियों और पुलिस दस्तावेजों से मिली जानकारी से इस्तेमाल किए गए उपकरणों के प्रकार पर इसके संकेत मिलते हैं। वाशिंगटन पोस्ट की रिपोर्ट के मुताबिक, चीनी सरकार के आदेश पर पुलिस ने उन जगहों पर सर्विलांस की मदद से लोगों का पता लगाया, जहां विरोध प्रदर्शन हुए थे। 

घंटों पूछताछ, परिवारवालों से भी बदसलूकी
वाशिंगटन पोस्ट की रिपोर्ट में, एक चीनी नागरिक दोहा ने कबूला कि वह और एक दोस्त 28 नवंबर की आधी रात को चाओयांग जिले में लियांगमाहे पुल के पास एक विरोध प्रदर्शन में थे, केवल आधे घंटे के लिए वो मौजूद थे। दो दिन बाद, पुलिस ने उसकी मां से संपर्क किया। दंगों में संलिप्तता का आरोप लगातार उसे हिरासत में लिया। नौ घंटे तक पूछताछ की गई। मारपीट की और घरवालों को जान से मारने की धमकी तक दी। यह सिर्फ एक नहीं सैकड़ों चीनी लोगों के साथ किया गया।

कोरोना से मर रहे सेलीब्रेटी और आम लोग
बता दें कि चीन में कोरोना की भीषण लहर थमने का नाम नहीं ले रही है। रिपोर्ट है कि रोजाना लाखों की संख्या में केस आ रहे हैं और रोजाना हजारों लोग मर रहे हैं। सेलीब्रेटी से लेकर आम लोगों की कोरोना के चलते मौत हो चुकी है। लेकिन, चीनी सरकार के आदेश पर आंकड़े छुपाए जा रहे हैं। दिसंबर 2022 में चीन ने कोरोना से 22 लोगों की मौत की बात कबूली लेकिन, इसके बाद आंकड़े सार्वजनिक करने से इनकार कर दिया था।

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