साहित्यकारों को डॉ. काशी प्रसाद अवार्ड से सम्मानित करेगी जायसवाल क्लब
धूमधाम से मनाया डॉ. काशीप्रसाद जायसवाल की जयंती, अर्पित किए श्रद्धासुमन
-सुरेश गांधी
वाराणसी : महान इतिहासकार, कानूनविद, मुद्राशास्त्री, स्वतंत्रता संग्राम सेनानी व पुरातत्व के अर्न्तराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त विद्वान व जायसवाल समाज के गौरव श्रद्धेय डॉ. काशीप्रसाद जायसवाल जी को अगर आज देशभर में याद किया जा रहा है। उनकी जयंती व पूणयतिथि मनाने के साथ उनके नाम पर कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है तो उसका श्रेय मनोज जायसवाल को जाता है। उनके अथक प्रयास का ही परिणाम है कि कश्मीर से कन्याकुमारी तक स्वजातिय बंधु एक स्वार से काशी प्रसाद जायसवाल को भारत रत्न दिए जाने की मांग कर रहे है। मनोज के प्रयासों की ही कड़ी में रविवार को काशी प्रसाद जायसवाल की जयंती देशभर में धूमधाम से मनयी जा रही है। काशी में भी काशी प्रसाद जायसवाल की जयंती जायसवाल क्लब के तत्वावधान में जगतगंज कार्यालय में मनाई गयी। इस मौके पर समाज के श्री श्री 1008 स्वामी संतोषानंद की मौजूदगी में क्लब के राष्ट्रीय अध्यक्ष मनोज जायसवाल ने उनके तैल चित्र पर श्रद्धासुमन अर्पित कर उन्हें भावभिनी श्रद्धाजंलि अर्पित की।
डॉ. काशीप्रसाद जायसवाल को मिलना चाहिए भारतरत्न : मनोज जायसवाल
इस मौके मनोज जायसवाल ने ऐलान किया कि जल्द ही एक समारोह का आयोजन कर देशभर के साहित्यकारों को देश्रद्धेय डॉ. काशीप्रसाद जायसवाल अवार्ड से सम्मानित किया जायेगा। इसके अलावा उन्हें मरणोपरान्त भारत का सर्वोच्च सम्मान भारत रत्न प्रदान करने के लिए आंदोलन करेगी। ऐसे में जरुरी है कि जायसवाज समाज आत्मसम्मान के लिए एकजुट हो। यह तभी संभव हो पायेगा जब लोग आपसी मतभेदों को भुलाकर पहल करें। मनोज जायसवाल ने कहा कि समाज के प्रति आज का हमारा त्याग, हमारे आदर्श कल आने वाली पीढी के लिए वरदान होगा। इसलिए खुद को लीडर बनने के बजाय हम लीडर पैदा करना होगा। क्योंकि राजनीतिक दलों में उचित प्रतिनिधित्व नहीं मिलने के कारण ही उनकी उपेक्षा हो रही है। इसलिए समाज के लोगों को अपनी राजनीतिक भागीदारी बढ़ानी होगी। परिवार के कम से कम एक सदस्य को राजनीति में आना पड़ेगा। मनोज जायसवाल ने स्वजातिय बंधुओं का आह्वान किया कि वे न सिर्फ डॉ. काशीप्रसाद जायसवाल के आदर्शो को अपनाएं बल्कि उनके जैसे अपने बच्चों को भी बनाने का प्रयास करे। यह तभी संभव हो पायेगा जब सच्चे मन से इस कार्य में लगे।
डॉ.काशी जायसवाल के जीवन वृतान्त पर प्रकाश डालते हुए मनोज ने बताया कि जायसवाल भारतीय इतिहास के ज्योतिर्धर थे। उन्होंने इतिहास लेखन के माध्यम से सामाजिक जीवन में, राष्ट्रीय चेतना का संचार किया। उन्होंने इतिहास लेखन के माध्यम से सामाजिक जीवन में, राष्ट्रीय चेतना का संचार किया। उनके जीवन के कई आयाम हैं और कई क्षेत्रों में उनका असर रहा है. जायसवाल पेशे से सफल वकील थे, लेकिन दुनिया उन्हें ‘राष्ट्रवादी’ इतिहासकार के रूप में जानती है. उनकी लेखनी की व्यापकता को देख कर कोई यह नहीं कह सकता कि उनका कौन सा रूप प्रमुख है। लेकिन अफसोस है कि ऐसे महान राष्ट्रवादी’ इतिहासकार, साहित्यकार, पुरातत्वविद, भाषाविद को हमारी सरकारों ने उपेक्षा किया। लेकिन खुशी है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के प्रयासों से आज उपेक्षित हस्तियों एवं आजादी के दीवानों को खोज-खोज कर सम्मान दिया जा रहा है। उनके जीवनी पर प्रकाश डाला जा रहा है। सरकार से मांग है कि वीर सावरकर की तरह डा काशी प्रसाद के भी योगदान को देश के सामने लाया जाय और उन्हें भारत रत्न से सम्मानित किया जाय।