ड्राइंग रूम में मनी प्लांट में पल रहा था डेंगू का लार्वा, परिवार था बेखबर
लखनऊ : चारबाग निवासी 23 वर्षीया नेहा डेंगू से पीड़ित हैं| स्वास्थ्य विभाग की टीम ने घर पर निरीक्षण किया तो टीम को उनके घर के ड्राइंग रूम में रखे मनी प्लांट में डेंगू का लार्वा मिला| नेहा के पिता का कहना है कि हमें नहीं मालूम था कि मनी प्लांट में भी डेंगू का लार्वा पनप सकता है|यह हमारे लिए एक सबक है| आगे से इस बारे में खुद बहुत ध्यान रखेंगे और दूसरों को भी इस बारे में सतर्क करेंगे| जिला मलेरिया अधिकारी डा. रितु श्रीवास्तव का कहना है कि डेंगू का लार्वा एक चम्मच साफ पानी में भी पनप सकता है| यही लार्वा मच्छर बनता है| मनी प्लांट हो या बैम्बू ट्री या अन्य कोई भी पौधा, अगर साफ पानी इकट्ठा है तो वह डेंगू के लार्वा का स्रोत हो सकता है| इसलिए बहुत सावधानी बरतने की जरूरत है| घर में कहीं भी यदि साफ पानी इकट्ठा है चाहे वह कूलर में हो, फ्रिज की ट्रे या गमले की प्लेट हो, टूटे बर्तन या टायर हों उसके पानी का निस्तारण जरूर करें| पानी कहीं इकट्ठा भी है तो उसमें जला हुआ मोबिल आयल डाल दें|
डा. रितु बताती हैं कि डेंगू का वाहक एडीज मच्छर है जो कि मानव आवासों के समीप व घरों के अंदर साफ पानी में पनपता है| यह पूरी तरह से मनुष्य के रक्त पर निर्भर रहता है क्योंकि इसको अपने अंडों के विकास के लिए मनुष्य के रक्त की जरूरत होती है| इसलिए इससे बचाव ही इसका सही उपचार है| 85 से 95 फीसद मच्छर पानी की टंकियों और कूलर में पनपते हैं| इन सभी की साप्ताहिक रूप से सफाई करें क्योंकि एक एडीज मच्छर एक बार में 30 से 40 लोगों को संक्रमित कर सकता है| इसके साथ ही फ्रिज की ट्रे, गमलों की प्लेटें, पुराने टायर, टूटे खाली बर्तन भी इसके पनपने के लिए उपयुक्त हैं|
डा. रितु बताती हैं कि बुखार आने पर खुद से कोई इलाज न करें| निकटतम स्वास्थ्य केंद्र पर जाकर इलाज कराएं| डेंगू की पुष्टि के लिए एलाइजा जांच ही कराएं| बिना चिकित्सक की सलाह के दर्द निवारक दवाओं का सेवन न करें| दर्द निवारक दवाओं के सेवन से अत्यधिक रक्तस्राव (हीमरेज) होने का खतरा तो होता ही है जिससे डेंगू शॉक सिंड्रोम और डेंगू हीमरेजिक फीवर हो सकता है| बुखार आने पर पैरासिटामॉल लें| इसके साथ ही पूरी बांह के ही कपड़े पहनें| घर के दरवाजों और खिड़कियों पर जाली लगाएं| मच्छरदानी में ही सोएं| मच्छररोधी क्रीम का इस्तेमाल करें|जिला मलेरिया अधिकारी ने बताया कि इस साल जनवरी से 22 नवंबर तक जिला मलेरिया इकाई की टीम ने कुल 9,27,210 घरों/स्थलों का निरीक्षण किया है| इनमें 12,15,174 कंटेनर की जांच की और 73 में डेंगू का लार्वा मिला| 3349 कूलर की जांच की जिसमें 55 में डेंगू का लार्वा मिला| 917 घरों को नोटिस दिया गया है|