पैरामेडिकल प्रशिक्षण में व्यापक सुधार का अभियान है मिशन निरामया : योगी
मुख्यमंत्री ने ‘मिशन निरामया‘ कार्यक्रम का एसजीपीजीआई के कन्वेंशन सेंटर में किया शुभारंभ
अच्छी गुणवत्ता एवं बेहतर प्रदर्शन करने वाले 12 नर्सिंग कालेजों को किया गया सम्मानित
लखनऊ : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश के नर्सिंग एवं पैरामेडिकल छात्र-छात्राओं को गुणवत्तापूर्ण प्रशिक्षण, प्लेसमेंट, कैरियर काउंसिलिंग, आकांक्षी कैरियर बनाने के उद्देश्य से ‘मिशन निरामया’ अभियान का शुभारंभ शनिवार को एसजीपीजीआई के कन्वेन्शन सेंटर में किया। इस मौके पर डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक और राज्यमंत्री चिकित्सा शिक्षा, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य, परिवार कल्याण मयंकेश्वर शरण सिंह, मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र, प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा आलोक कुमार, सचिव चिकित्सा शिक्षा श्रुति सिंह, स्टेट मेडिकल काउंसिल के सचिव डॉ आलोक मौजूद रहे। कार्यक्रम का शुभारम्भ करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रदेश में गुणवत्तापूर्ण नर्सिंग और पैरामेडिकल पेशेवरों का केंद्र बनाने के उद्देश्य से इस कार्यक्रम का आयोजन किया गया है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश की सरकार नर्सिंग के क्षेत्र में पर्याप्त रोजगार के अवसर पैदा करने के लिए प्रतिबद्ध है, ताकि सभी मेधावी उम्मीदवारों के लिए एक स्थिर और सफल कैरियर सुनिश्चित किया जा सके। इस दिशा में पहला कदम उठाते हुए राज्य के प्रतिष्ठित मेडिकल कालेजों में 3000 से अधिक नर्सों की नियुक्ति की गई है।
उन्होंने कहा कि प्रदेश के कई संस्थान अच्छा कार्य कर रहे हैं. इनमें निजी क्षेत्र के संस्थान भी शामिल हैं. इन बेस्ट प्रैक्टिसेज को अन्य संस्थानों में भी लागू किया जाना चाहिए इसके लिए मेंटॉर-मेंटी मॉडल को अपनाया जाए। इसकी कार्ययोजना तैयार की जाएगी। अभियान में बेहतर प्रशिक्षण के साथ-साथ बेहतर सेवायोजन पर भी जोर दिया जाएगा। इसके लिए निजी क्षेत्र के प्रतिष्ठित हॉस्पिटल से संवाद कर नीति तय करने की दिशा में कार्ययोजना तय की जाएगी क्योंकि नर्सिंग का प्रशिक्षण ले रहे युवाओं के लिए प्रैक्टिकल नॉलेज बहुत आवश्यक है। कालेजों को मान्यता देते समय सभी मानकों पर ध्यान देते हुए मानकों के पूर्ण होने पर ही मान्यता प्रदान की जाए। मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि शिक्षा और स्वास्थ्य के बगैर स्वस्थ्य समाज की स्थापना नहीं की जा सकती। मिशन निरामया कार्यक्रम का शुभारंभ करने के लिए बधाई देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि पूर्व में समय और सम्भावना को सोच कर काम नहीं किया जिसकी वजह से आज हम पीछे चले गए। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 2017 में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य के क्षेत्र में व्यापक सुधार शुरू किया जिसे लेकर अब हम आगे बढ़ रहे हैं। और पांच साल के अंदर चिकित्सा शिक्षा एवं स्वास्थ्य के क्षेत्र में पूरे देश में अग्रणीय रहेंगे।
कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने सपोर्टिव सुपर विज़न हेतु 12 संस्थानों को मेन्टर संस्थान की उपाधि प्रदान की। इनमें रूहेलखण्ड कालेज ऑफ नर्सिंग बरेली, पन्नाधाय माँ सुभारती नर्सिंग कॉलेज मेरठ, फैकल्टी ऑफ नर्सिंग यूपी यूएमएस सैफई-इटावा, नाइटेंगल इंस्टीट्यूट ऑफ नर्सिंग गौतमबुद्धनगर, शारदा स्कूल ऑफ नर्सिंग साइंस एण्ड रिसर्च शारदा यूनिवर्सिटी गौतमबुद्धनगर, एससीपीएम कॉलेज ऑफ नर्सिंग एण्ड पैरामेडिकल साइंसेज गोण्डा, गुरु गोरक्षनाथ कॉलेज ऑफ नर्सिंग गोरखपुर, कॉलेज ऑफ नर्सिंग जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज कानपुर, बाबा इंस्टीट्यूट ऑफ पैरामेडिकल लखनऊ, कॉलेज ऑफ नर्सिंग एसवीबीपी हॉस्पिटल मेरठ, आईआईएमटी कॉलेज ऑफ मेडिकल साइंसेज आईआईएमटी यूनीवर्सिटी मेरठ तथा हिलेरी क्लिंटन नर्सिंग स्कूल सहारनपुर शामिल हैं। मेंटी संस्थान के मेंटर संस्थानों से मार्गदर्शन लेकर गुणवत्तापूर्ण शिक्षा एवं प्रशिक्षण प्रदान कर सकें। 12 मेंटर संस्थानों की जिम्मेदारी अब और बढ़ जाएगी। भारत में उत्तर प्रदेश सबसे युवा राज्य है और युवाओं को जोड़कर उन्हें बेहतर प्लेटफ़ार्म देकर उन्हें उच्च कोटि का बनाया जा सके। सभी अस्पतालों में नर्सिंग की पढ़ाई शुरू करने की रुप रेखा तैयार की जा रही है ताकि उच्च कोटि के नर्स तैयार हो सकें।
उप मुख्यमंत्री बृजेश पाठक ने कहा कि समाज में चिकित्सा व्यवस्था को उच्च कोटि का बनाने के लिए मुख्यमंत्री योगी की सरकार वृहद पैमाने पर कार्य कर रही है। मात्र पांच साल में मेडिकल कॉलेजों की संख्या में अभूतपूर्व वृद्धि हुई है। मिशन निरामया का मतलब हम वसुदेव कुटुम्बकम के तहत पैरामेडिकल की बेहतरीन टीम तैयार की जाएगी। उन्होंने प्रदेश के नौजवानों का आह्वान करते हुए कहा कि नर्सिंग के एक सेवा का क्षेत्र है इस क्षेत्र में युवाओं की भागीदारी जरूरी है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश चिकित्सा शिक्षा के क्षेत्र में पूरे भारत में में एक नई रेखा खिंचने का करेंगे। प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा आलोक कुमार ने मिशन निरामया पर प्रकाश डालते हुए कहा कि सात स्टेप बनाए गए हैं। नर्सिंग कालेजों एवं प्रशिक्षण संस्थानों में व्यापक सुधार करते हुए उच्च कोटि का प्रशिक्षण प्रदान करने और संस्थानों की रेटिंग के लिए क्यूसीआई से साझेदारी को औपचारिक रूप दिया गया। नर्सिंग के क्षेत्र में पर्याप्त रोजगार के अवसर पैदा करने के लिए पांच साल में 8573 उच्च कोटि के नर्सों की नियुक्ति की जाएगी। रोजगार के अवसर के साथ साथ कैरियर काउंसिलिंग, डिजिटल प्लेटफ़ार्म का निर्माण, निष्पक्ष परीक्षाएं सुनिश्चित करने के लिए परीक्षाओं की सीसीटीवी से निगरानी की जाएगी।