शहर को जाम से निजात दिलाने के लिए सभी इंट्री प्वाइंट पर बस अड्डा बनाने की तैयारी

शहर को जाम से निजात दिलाने के लिए अभी से कार्ययोजना बनानी होगी। शहर में आने वाले ट्रैफिक को रोकने के लिए जरूरी है कि आउटर रिंग रोड पर बस अड्डे बनाए जाए। इन बस अड्डों से यात्रियों को उनके गंतव्य तक पहुंचाने के लिए मेट्रो, मोनो रेल, ई रिक्शा व अन्य सार्वजनिक वाहनों के विकल्प को लेकर काम करना होगा। 104 किमी. आउटर रिंग के चारों ओर यानी शहर के इंट्री प्वाइंट पर आठ बस अड्डे बनाने होंगे। इनमें रायबरेली रोड, कानपुर रोड, हरदोई रोड, सीतापुर रोड, मोहान रोड, सुलतानपुर रोड, कुर्सी रोड व बाराबंकी रोड पर आउटर रिंग रोड के साथ साथ यह काम शुरू करना होगा।

वहीं शहर के उन जंक्शनों पर जहां सबसे अधिक जाम लगता है, वहां अंडर पास, फ्लाइओवर का विकल्प रखना होगा। सिटी डेवलेपमेंट प्लान के तहत लविप्रा में मंडलायुक्त रंजन कुमार के समक्ष एरिनम के निदेशक अनुपम मित्तल और शहरी योजनाकार शुभ्रा ने एक नए शहर के विजन को लेकर गुरुवार देर शाम प्रजेंटेशन दिया। इस मौके पर मेट्रो, एयरपोर्ट, रेलवे सहित कई विभागों के अफसर मौजूद रहे। शहर को जाम मुक्त बनाने के साथ ही एक बेहतर शहर कैसे बनाया जाए, इसको लेकर लखनऊ विकास प्राधिकरण में शहर की गतिशीलता को लेकर पूरा खाका रखा गया।

मितल ने बताया कि अभी से ग्रीन कारिडोर पर चलने वाले ट्रैफिक का लोड कम करने के साथ ही एक निर्धारित दूरी पर अंडर पास, फ्लाइओवर बनाने होंगे, इस प्रयास से आइआइएम रोड से किसान पथ तक कनेक्ट होने वाले ग्रीन कारिडोर पर वाहनों का लोड बढ़ेगा नहीं। विशेषज्ञों ने बताया कि गोमती नदी के साथ ही जो कैनाल है, वहां भी वाहनों के सुगम संचालन के लिए एलीवेटेड रोड, फ्लाइओवर और अंडर पास पर जोर देने की जरूरत है। यह काम भविष्य पर नहीं डाला जा सकता है। योजनाबद्ध तरीके से इस पर अभी से काम करना होगा, क्योंकि यह विकास होने में भी सालों लगेंगे। प्रेजेंटेशन के दौरान लविप्रा उपाध्यक्ष अक्षय त्रिपाठी, सचिव लविप्रा पवन कुमार गंगवार सहित कई अधिकारी मौजूद रहे।

मेट्रो का विस्तार बेहद जरूरीः राजधानी में मेट्रो का विस्तार समय की जरूरत है। एयरपोर्ट से मुंशी पुलिया के बीच मेट्रो अभी चल रही है। इसके अगले चरण पर काम होना चाहिए। ईस्ट वेस्ट कारिडोर चारबाग से बसंत कुंज के बीच बनना है। वहीं इसके बाद पांच चरणों में मेट्रो को लेकर मंडलायुक्त, लविप्रा उपाध्यक्ष के समक्ष प्रजेंटेशन हुआ। शहर में करीब 73 किमी. से अधिक मेट्रो के जाल बिछाने को लेकर चर्चा हुई।

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