प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने उत्तर प्रदेश को बड़ी दीं सौगात ,गोरखपुर खाद कारखाना परिसर में  9650 करोड़ की परियोजनाओं का किया लोकार्पण 

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को गोरखपुर के साथ उत्तर प्रदेश को बड़ी सौगातें दीं। पीएम मोदी ने गोरखपुर खाद कारखाना परिसर में 9650 करोड़ की परियोजनाओं का लोकार्पण किया तो सीएम योगी आदित्यनाथ वहां पर बेहद ही जुदा अंदाज में दिखे।

गोरखपुर खाद कारखाना परिसर में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को पूर्वांचल का बहु प्रतीक्षित सपना पूरा किया। उन्होंने गोरखपुर में करीब 9650 करोड़ की लागत से बने खाद कारखाने, एम्स और आरएमआरसी की नौ बीएसल-टू प्लस लैब का लोकार्पण किया। खाद कारखाना परिसर में आयोजित कार्यक्रम में पीएम नरेन्द्र मोदी ने बटन दबाकर जैसे ही खाद कारखाना में यूरिया उत्पादन का शुभारंभ किया वैसे ही उनके स्वागत में सीएम योगी आदित्यनाथ बोल पड़े।

पीएम मोदी का स्वागत करते हुए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि पीएम मोदी हैं तो मुमकिन है, क्योंकि वर्ष 2016 में प्रधानमंत्री ने ही खाद कारखाना व एम्स गोरखपुर का शिलान्यास किया था। आज उनके ही हाथों से इनका लोकार्पण भी हो रहा है। इससे पहले तो विपक्ष ने इसे नामुमकिन बना दिया था, लेकिन उनको नहीं पता है कि पीएम मोदी हैं तो मुमकिन है। कोई भी बात नामुमकिन नहीं है। यहां पर शुभारंभ से पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गोरखपुर खाद कारखाना में प्रदर्शनी का भी अवलोकन किया। इससे पहले गोरखपुर पहुंचे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का एयरपोर्ट पर राज्यपाल आनंदीबेन पटेल के साथ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्वागत किया।

गोरखपुर खाद कारखाना में 31 वर्ष फिर से यूरिया का उत्पादन होने लगेगा। इस कारखाने को शुरू कराने के लिए सांसद के रूप में लगातार संघर्ष करने वाले योगी आदित्यनाथ बतौर मुख्यमंत्री पीएम मोदी के साथ इसके प्लांट के शुभारंभ के दौरान भी थे। 8606 करोड़ रुपये की लागत वाले हिंदुस्तान उर्वरक एवं रसायन लिमिटेड (एचयूआरएल) के इस कारखाने में प्रति वर्ष 12.7 लाख टन नीम कोटेड यूरिया का उत्पादन होगा। इससे प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप से 20 हजार व्यक्तियों को रोजगार मिलेगा। गोरखपुर में फर्टिलाइजर के नाम से मशहूर खाद कारखाना 20 अप्रैल, 1968 को शुरू हुआ था।

अमोनिया रिसाव होने और यहां पर मशीनें न बदले जाने के कारण यह कारखाना 10 जून, 1990 को बंद कर दिया गया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इसे शुरू कराने के लिए 18 साल तक संघर्ष किया और लगभग हर सत्र में इस मुद्दे को लोकसभा में उठाया। उनके प्रयासों को आकार मिला और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 22 जुलाई, 2016 को खाद कारखाने का शिलान्यास किया। इसके बाद 2018 में निर्माण शुरू होने के बाद अब खाद कारखाना बनकर तैयार हो गया। यहां पर नीम कोटेड यूरिया से फसल उत्पादन में होने वाली बढ़ोतरी किसानों को समृद्ध करेगी। लगभग 20 हजार प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर हासिल होंगे। इस खाद कारखाने से उत्तर प्रदेश के साथ पड़ोसी राज्यों को भी उवर्रक की आपूर्ति की जाएगी।

गोरखपुर में खाद कारखाने के साथ ही प्रधानमंत्री 1011 करोड़ रुपये से बने अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) और 36 करोड़ की लागत वाली क्षेत्रीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान केंद्र (आरएमआरसी) की नौ बायोसेफ्टी लेवल (बीएसएल) टू प्लस लैब को भी राष्ट्र को समर्पित किया। 750 बेड और 14 आपरेशन थियेटर वाले एम्स से पूर्वी उत्तर प्रदेश के साथ बिहार और नेपाल के लोगों को उच्च स्तरीय स्वास्थ्य सेवाएं मिलेंगी। 

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