शक्ति मिल सामूहिक दुष्‍कर्म मामले के बॉम्बे HC ने आरोपियों की मौत की सजा को उम्रकैद में बदला

मुंबई, बॉम्बे हाई कोर्ट ने 2013 शक्ति मिल सामूहिक दुष्‍कर्म मामले के तीनों आरोपियों की मौत की सजा को रद कर उसे उम्रकैद की सजा में बदल दिया है। गौरतलब है कि 22 अगस्त, 2013 को सेंट्रल मुंबई में स्थित लंबे समय से बंद पड़ी शक्ति मिल परिसर में तीन आरोपियों -विजय जाधव, कासिम बंगाली और सलीम अंसारी ने 22 वर्षीय फोटो पत्रकार से सामूहिक दुष्‍कर्म किया था। इससे पहले भी इन तीनों आरोपियों ने 31 जुलाई, 2013 को 18 वर्षीय की एक टेलीफोन ऑपरेटर से भी दुष्‍कर्म किया था। तीनों आरेापियों के अलावा अदालत ने इस मामले में सिराज खान को भी उम्रकैद की सजा सुनाई थी, जबकि एक नाबालिग को सुधार गृह में भेज दिया गया था।

अदालत ने सुनाया फैसला

बाम्‍बे हाइकोर्ट बेंच ने मामले की सुनवाई के दौरान कहा कि 2013 में हुए शाक्ति मिल सामूहिक दुष्‍कर्म मामले ने समाज की अंतरात्मा को झकझोर कर रख दिया था। ऐसे हादसों में केवल पीड़िता केवल शारिरिक रूप से ही नहीं बल्कि मानसिक रूप से भी पीड़ित होती है। ये मानवाधिकारों का उल्‍लंघन है, केवल सार्वजनिक आक्रोश को ध्‍यान में नहीं रखा जा सकता। ऐसे फैसले सार्वजनिक प्रदर्शन से नहीं लिए जा सकते। दोषियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाते हुए कोर्ट ने कहा आरोपी समाज के साथ आत्‍मसात नहीं कर सकेगा।

फोटो पत्रकार सामूहिक दुष्‍कर्म मामला

22 अगस्‍त 2012 को महालक्ष्‍मी स्थित शक्ति मिल परिसर में शाम के समय 6 बजकर 45 मिनट पर पत्रिका के लिए काम करने वाली फोटो पत्रकार युवती से सामूहिक दुष्‍कर्म किया गया था। 24 घंटे के अंदर ही पुलिस ने मामले का पर्दाफाश कर दिया और 23 अगस्‍त 2013 को पहली गिरफ्तारी तब हुई जब पुलिस ने नाबालिग आरोपी को गिरफ्तार कर लिया। इसके अगले दिन 24 अगस्‍त 2013 को विजय जाधव को भी पकड़ लिया गया और उसे कुछ घंटों के बाद ही तीसरे आरोपी को भी गिरफ्तार कर लिया गया। 25 अगस्‍त को चौथा आरोपी भी हिरासत में ले लिया गया। इसके बाद घटना के मुख्‍य साजिशकर्ता और पांचवां आरोपी भी पकड़ लिया गया।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button