तो इसलिए फट जाते हैं बादल, जानें इसके पीछे का ये बड़ा कारण…

अक्सर हम पहाड़ों पर बादल फटने की खबरें सुनते रहते हैं। इनसे जान-माल का नुकसान भी होता है। बादल आखिर कैसे फट जाते हैं। असल में, बादल फटना बारिश का चरम रूप है, जिसमें कम समय में काफी जोरदार तरीके से धुंआधार बारिश होती है। कभी कभी गरज के साथ ओले भी पड़ते हैं।

बादल फटने का मतलब

मौसम विज्ञान की मानें तो जब बादलों में भारी मात्रा में आर्द्रता होती है। उनकी आसमानी चाल में कोई बाधा आ जाती है, तब अचानक संघनन बहुत तेज़ होता है। इस स्थिति में प्रभावित और सीमित इलाके में कई लाख लीटर पानी एक साथ पृथ्वी पर गिरता है, जिसके कारण उस क्षेत्र में तेज़ बहाव या बाढ़ जैसी स्थिति बन जाती है।

सामान्यत: बादल फटने के कारण कुछ मिनट मूसलाधार से भी ज़्यादा तेज़ बारिश होती है। इस दौरान इतना पानी बरसता है कि क्षेत्र में बाढ़ जैसे हालात बन जाते हैं। बादल फटने की घटना अमूमन पृथ्वी से 15 किलोमीटर की ऊंचाई पर होती है।

नमी से भरपूर बादलों के साथ जब कोई गर्म हवा का झोंका टकराता है, तब भी बादल फटने जैसी घटना हो सकती है।

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