इस खदान में समा जाते हैं हेलिकॉप्टर

mine1_1457839013एजेंसी/पूर्वी साइबेरिया में हीरे की एक ऐसी खदान है जिसे रहस्यमय बताया जाता है। मिरनी माइन नाम का यह खदान अब बंद पड़ा है। लेकिन कहा जाता है कि इसकी जद में आने वाले पूरे इलाके में कोई भी हवाई जहाज या हेलिकॉप्टर नहीं निकलता, क्योंकि वह इसमें समा जाता है। क्यों होता है ऐसा…?

सर्दियों में यहां तापमान इतना गिर जाता है कि गाड़ियों में तेल भी जम जाता है और टायर फट जाते हैं। इस खदान को 13 जून, 1955 को सोवियत भूवैज्ञानिकों की एक टीम ने खोजा था। इसे खोजने के लिए सोवियत जियोलॉजिस्ट यूवी खबरदीन को 1957 में लेनिन प्राइज दिया गया था। इस माइन के विकास का कार्य 1957 में शुरू किया गया।
दरअसल यह खदान 1722 फीट गहरी और 3900 फीट चौड़ी है। यह विश्व का दूसरा सबसे बड़ा मानव निर्मित होल है। इसमें हवा का दबाव काफी तेज होता है, जिसके चलते कई बार इसके ऊपर से जाने वाले हेलिकॉप्टर इसमें समा चुके हैं। दरअसल इसे खोदने के लिए कर्मचारियों ने जेट इंजन और डायनामाइट्स का इस्तेमाल किया था।
 
इसका क्षेत्र इतना बड़ा था कि रात के समय इसे ढंक दिया जाता था, ताकि मशीनें खराब ना हो जाएं। इस खदान की खोज के बाद रूस हीरे का सबसे ज्यादा उत्पादन करने वाला दुनिया का तीसरा देश बन गया था। इस खदान से हर साल 10 मिलियन कैरेट हीरा निकाला जाता था। वर्ष 2011 में इस खदान को पूरी तरह से बंद कर दिया गया है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button