भरत का एक ऐसा मंदिर जहां देवी मां को फल-फूल नहीं बल्कि चढ़ाए जाते हैं पत्थर, जानिए कथा

भारत दुनिया का एक देश है, जहां पर विभिन्नता में एकता पाई जाती है. यहां विभिन्न धर्मों के अनुयायी एक साथ अपने –अपने धर्मों के अनुसार अपने आराध्य देवों की पूजा अर्चना करते हैं. साथ ही अपने धर्मों के अनुसार पूजा स्थल का निर्माण करते हैं. हिंदू धर्म में आस्था रखने वाले लोग मंदिरों में जाकर देवी देवाताओं की विधि पूर्वक पूजा करते हैं, तथा उनको भोग लगाते हैं. देवी देवताओं को खुश करने और उनकी कृपा पाने के लिए फल –फूल मिठाई आदि चढ़ाते हैं. इसके अलावा अन्य कई प्रकार के भोग लगाकर देवी देवताओं को प्रसन्न करते हैं.

आप ने सुना होगा कि कुछ ऐसे भी मंदिर हैं जहां पर लोग देवी देवताओं की कृपा पाने के लिए मदिरा, समोसा आदि चढाते हैं, देवी देवताओं के नाम पर जानवरों की बलि देते हैं. परन्तु आप एक ऐसे मंदिर के बारे में शायद ही सुना होगा जहां पर देवी-देवताओं को फल-फूल के बजाय कंकड़ –पत्थर चढ़ाए जाते हैं. मान्यता है कि लोग इस मंदिर में आकर देवी मां को पत्थर चढ़ाकर अपनी मिन्नतें मांगते हैं. यही नहीं मां देवी इन भक्त की मनोकामना भी पूरी करती है. यह मंदिर कोई और नहीं बल्कि की वन देवी का मंदिर है. आइये जानें इस मंदिर के बारे में.

वनदेवी मंदिर:  

यह मंदिर वनदेवी मंदिर के नाम से प्रसिद्ध है जो कि भारत के छत्तीसगढ़ राज्य के बिलासपुर शहर के पास खमतकाई में स्थित है. यहां पर यह वनदेवी मंदिर के नाम जाना जाता है. इस वनदेवी मंदिर में यहां के लोग देवी मां को फूल, फल, मिठाई या अन्य कोई चढ़ावा नहीं बल्कि पत्थर का भोग लगाते हैं. यह परंपरा सदियों चली आ रही है. यहां पर स्थानीय लोगों का मानना है कि खेतों में मिलने वाले गोटा पत्थर देवी मां को बहुत पसंद है. इस लिए यहां पर गोटा पत्थर चढ़ाया जाता है. मान्यता है कि जो व्यक्ति ऐसा करता है. मां देवी उसकी हर मनोकामना पूरी करती हैं. भक्त यहां पर 5 गोटा पत्थर लेकर जाते हैं और अपनी मिन्‍नतों के पूरी होने की फ़रियाद लगाते हैं.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button