पहले से ज्यादा खतरनाक हो गया हैं कोरोना, बच्चों पर मंडराया खतरा…

दुनियाभर में अब तक 12 करोड़ 88 लाख से अधिक लोग कोरोना से संक्रमित हो चुके हैं। अमेरिका इस बीमारी से गंभीर रूप से जूझ रहा है। यहां यह महामारी विकराल रूप ले चुकी है और अब तक तीन करोड़ से अधिक लोग इससे संक्रमित हो चुके हैं, जबकि इसके संक्रमण से अब तक 5.50 लाख से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। हालांकि यहां हर रोज करीब 20 लाख लोगों को कोरोना का टीका लगाया जा रहा है। चूंकि अभी किसी भी देश में बच्चों का टीकाकरण नहीं हो रहा है, लेकिन विशेषज्ञ कहते हैं कि अगर कोरोना से जंग जीतनी है तो बच्चों का भी टीकाकरण बहुत जरूरी है। इस बीच अमेरिकी विशेषज्ञों ने दावा किया है कि बच्चों को भी गंभीर रूप से बीमार करने वाले कोरोना वायरस का नया रूप जल्द सामने आएगा। 

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, अमेरिका के ब्रिघम एंड विमेंस अस्पताल के डिपार्टमेंट ऑफ इमरजेंसी मेडिसिन के डॉक्टर जेरेमी सैमुअल फॉस्ट और जॉर्जटाउन यूनिवर्सिटी मेडिकल सेंटर में सेंटर फॉर ग्लोबल हेल्थ साइंस के डॉ. एंजेला रासमुसेन का कहना है कि अभी बच्चों में कोरोना के गंभीर मामलों की संख्या बेहद कम है, लेकिन इसके बुरे प्रभावों को लेकर स्थिति अभी स्पष्ट नहीं है, क्योंकि बच्चों में कोरोना के ज्यादातर मामले एसिमटोमैटिक हैं यानी उनमें कोरोना के लक्षण नहीं दिखते हैं। 

विशेषज्ञ कहते हैं कि इस बात की पूरी संभावना है कि वायरस लगातार म्यूटेट होता रहेगा और इसमें से कोई एक या एक से ज्यादा म्यूटेशन ऐसे भी हो सकते हैं, जो बच्चों को भी नुकसान पहुंचाएं और उन्हें गंभीर रूप से बीमार कर दें। डॉ. जेरेमी और डॉ. एंजेला कहते हैं कि इसलिए बच्चों का जल्द ही टीकाकरण करना चाहिए ताकि ऐसी स्थिति पैदा ही न हो। 

अमेरिका के मशहूर संक्रामक रोग विशेषज्ञ डॉ. एंथोनी फौसी कहते हैं कि हर्ड इम्यूनिटी के लिए बच्चों का टीकाकरण बहुत ही जरूरी है। चूंकि अभी बच्चों के लिए कोरोना वैक्सीन नहीं आई है, लेकिन इसके क्लीनिकल ट्रायल (नैदानिक परीक्षण) चल रहे हैं। डॉ. एंथोनी फौसी ने हाल ही में यह कहा था कि हाई स्कूल के छात्रों को इस साल सितंबर से वैक्सीन मिलने की संभावना है, जबकि छोटे बच्चों को वैक्सीन अगले साल तक मिल सकती है। 

ऑल इंडिया रेडियो से बातचीत में पीएचएफआई के अध्यक्ष डॉ. के. श्रीनाथ रेड्डी ने बताया था कि शुरू में 18 साल से कम उम्र के बच्चों पर कोरोना वैक्सीन का ट्रायल नहीं हुआ है, लेकिन कई देशों में 12 साल से 18 साल के बच्चों पर ट्रायल चल रहा है। अब जैसा भी परिणाम आएगा, लोगों को बताया जाएगा और हमारे देश में भी उसकी व्यवस्था की जाएगी। 

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