निकिता हत्याकांड: तौसीफ और रेहान दोषी करार, प्रेम में कर दी थी छात्रा की हत्या

फरीदाबाद के निकिता तोमर हत्याकांड में बुधवार को अदालत ने आरोपी तौसीफ और रेहान को दोषी करार दिया है। इस मामले में अदालत ने तीन में से दो आरोपियों को दोषी घोषित करते हुए तीसरे आरोपी अजरुद्दीन को बरी कर दिया। अजरुद्दीन पर तौसीफ और रेहान को हथियार उपलब्ध कराने के आरोप थे। अब 26 मार्च को दोषियों की सजा पर बहस होगी।

बीकॉम अंतिम वर्ष की छात्रा निकिता तोमर की हत्या मामले की सुनवाई इससे पहले सोमवार को न्यायाधीश सतराज बासवाना की फास्ट ट्रैक कोर्ट में हुई थी। इस दौरान दोनों पक्षों के छह वकीलों के बीच करीब चार घंटे तक जमकर बहस हुई। दोनों ही पक्ष अपने आप को सही ठहराने की कोशिश में जुटे रहे थे।

मालूम हो कि मेधावी छात्रा निकिता से एकतरफा प्यार करने वाले तौसीफ ने अपने साथी के साथ मिलकर पिछले साल 26 अक्तूबर को सरेआम गोल मारकर उसकी हत्या कर दी थी। इस दौरान निकिता की एक सहेली भी उसके साथ थी। गंभीर रूप से घायल निकिता ने मरने से पहले तौसीफ और रेहान का नाम लिया था।

निकिता के भाई नवीन ने एक सुनवाई के दौरान अदालत को बताया था कि वह गोली लगने से घायल निकिता को कार से अस्पताल लेकर जा रहा था। रास्ते में लहूलुहान निकिता ने बताया था कि तौसीफ ने उसे गोली मारी है। बहन की यादों को अदालत में याद कर भाई नवीन भावुक हो गया था। इसके बाद अदालत ने उसका बयान दर्ज कर लिया था। 

‘अंकित’ बनकर की थी निकिता से दोस्ती
जांच के दौरान यह भी पता चला था कि तौसीफ ने खुद का नाम अंकित बताकर उससे दोस्ती की थी। तौसीफ को लगता था कि दोस्ती की शुरुआत में कहीं धर्म बीच में न आ जाए। हालांकि यह बात ज्यादा दिन तक छिप नहीं पाई और असली नाम का पता एक दिन चल ही गया। तौसीफ के असली नाम का पता तब चला जब तौसीफ को उसके एक साथी ने स्कूल में उसे असली नाम से पुकारा। यह खुलासा निकिता के साथ स्कूल में पढ़ने वाली अंशु (बदला हुआ नाम) ने किया था।

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