कई कंपनियों ने ‘यूट्यूब’ से हटाए अपने विज्ञापन, जानिए वजह

नई दिल्ली. बड़ी कंपनियों का यूट्यूब से अपने विज्ञापनों को वापस लेने का सिलसिला बढ़ता ही जा रहा है. जिससे यह संकेत मिलता है कि बड़े विज्ञापन देने वाली कंपनियों को आपत्तिजनक विषयों वाले वीडियो के साथ मार्केटिंग विज्ञापनों को दिखाने से रोकने की गूगल की क्षमता पर संदेह है.कई कंपनियों ने 'यूट्यूब' से हटाए अपने विज्ञापन, जानिए वजह

यूट्यूब की लोकप्रियता इसके बड़े और उदार लाइब्रेरी संग्रह के एक कारण है. जिसमें टीवी क्लिप्स से लेकर समलैंगिकों पर लोगों की कठोर समालोचना तक भी शामिल है. यूट्यूब पर विविध चयन प्रक्रिया वीडियो के आगे विज्ञापन को दिखाने की अनुमति भी देती है जो मार्केटर को अप्रिय लगती है.

गूगल के इसे रोकने के प्रयास के बावजूद भी ऐसा ही हो रहा है. दरअसल गूगल यूट्यूब वीडियो में विज्ञापन डालने के लिए ओटोमेटेड प्रोग्राम पर पूरी तरह निर्भर है क्योंकि इस काम को इंसानों के जरिए नहीं संभाला जा सकता।

यूट्यूब पर हर मिनट लगभग 400 घंटे के वीडियो पोस्ट होते है इस सप्ताह की शुरआत में ही गूगल ने घृणित, अक्रामक और अपमानजनक विज्ञापन पर रोक लगाने के प्रयास की अपनी प्रतिबद्धता भी जताई थी.

गूगल के प्रमुख बिजनेस अधिकारी फिलिप शिंडलेयर ने मंगलवार को एक पोस्ट में यह लिखा था हम जानते हैं कि यह उन विज्ञापनदाताओं और एजेंसियों को अस्वीकार है जो हम पर बहुत ज्यादा विश्वास करते हैं.

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