मुंबई हमले के मास्टरमाइंड लखवी को हुई 15 साल की जेल

साल 2008 में भारत की आर्थिक राजधानी मुंबई में हुए आतंकी हमले के मास्टरमाइंड जकीउर रहमान लखवी को लाहौर की आतंकवाद निरोधक अदालत ने 15 साल कैद की सजा सुनाई है। लखवी को यह सजा आतंकी वित्तपोषण (टेरर फंडिंग) के एक मामले में सुनाई गई है।

उल्लेखनीय है कि संयुक्त राष्ट्र से आतंकवादी घोषित जकीउर रहमान लखवी 2015 से ही मुंबई हमले के मामले में जमानत पर चल रहा था। पंजाब सूबे के आतंकवाद निरोधक विभाग ने उसे आतंकवाद का वित्तपोषण करने के आरोप में बीते शनिवार को गिरफ्तार किया था।

दवाखाना से मिले धन से आतंक को दे रहा था बढ़ावा
लखवी पर एक दवाखाना के लिए जुटाए गए धन का इस्तेमाल आतंकी वित्तपोषण में करने का आरोप था। उसने और उसके साथियों ने इस दवाखाने से एकत्रित धन का इस्तेमाल आतंकवाद के वित्तपोषण में किया। उसने इस धन का इस्तेमाल निजी खर्च में भी किया।

दिसंबर 2008 में घोषित किया गया था वैश्विक आतंकी
लश्कर और अलकायदा से जुड़ा होने और आतंकियों के लिए योजना, सहायता मुहैया कराने और षड्यंत्र रचने के लिए लखवी को संयुक्त राष्ट्र ने दिसंबर 2008 में वैश्विक आतंकवादी घोषित किया था। इसके तहत संपत्ति जब्त करने और यात्रा प्रतिबंध लगाने जैसे प्रावधान हैं।

बता दें, जमात-उद-दावा प्रमुख हाफिज सईद के नेतृत्व में लश्कर-ए-तैयबा ने 2008 में मुंबई में आतंकवादी हमलों को अंजाम दिया था जिसमें छह अमेरिकी नागरिकों समेत 166 लोगों की मौत हो गई थी। अमेरिका ने भी जकीउर रहमान लखवी की गिरफ्तारी का स्वागत किया था।

पुलिस ने कोर्ट के सामने लखवी की पेशी में की थी देरी
आमतौर पर आरोपी को गिरफ्तारी के एक दिन बाद अदालत के समक्ष पेश किया जाता है उसकी रिमांड का अनुरोध किया जाता है। लेकिन, लखवी के मामले में ऐसा नहीं हुआ। एक अधिकारी ने बीते बुधवार को कहा था, ‘लखवी का मामला जटिल है, ऐसे में उसकी गिरफ्तारी के चार दिन बाद भी रिमांड का अनुरोध करने के लिए अदालत के समक्ष पेश नहीं किया जा सका।’

जल्द ही होना है एफएटीएफ की बैठक का आयोजन
उल्लेखनीय है कि जनवरी-फरवरी में फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) की बैठक का आयोजन होना है। यहां पाकिस्तान ग्रे लिस्ट में शामिल होने की कगार पर है। यह संस्था देशों को आतंक के खिलाफ जंग के लिए आर्थिक मदद मुहैया कराती है। ऐसा पहले भी होता आया है कि इस तरह की बैठकों से पहले पाकिस्तान में आतंकियों पर सख्ती शुरू हो जाती है।
मसूद अजहर के लिए भी जारी हो चुका है गिरफ्तारी वारंट
लखवी को सजा सुनाए जाने से एक दिन पहले यानी गुरुवार को गुजरांवाला आतंक रोधी अदालत(एटीसी) ने आतंकवाद के वित्तपोषण के आरोपों पर ही प्रतिबंधित जैश-ए-मोहम्मद के प्रमुख मसूद अजहर के लिए गिरफ्तारी वारंट जाकी किया था। एटीसी ने जैश के कुछ सदस्यों के खिलाफ पंजाब पुलिस के आतंक रोधी विभाग (सीटीडी) की ओर से शुरू आतंक के वित्तपोषण मामले की सुनवाई के दौरान वारंट जारी किया।

एक अधिकारी ने बताया कि एटीसी गुजरांवाला न्यायाधीश नताशा नसीम सुप्रा ने मसूद अजहर के लिए गिरफ्तारी वारंट जारी किया है और सीटीडी को उसे गिरफ्तार कर अदालत में पेश करने का निर्देश दिया है। सीटीडी ने न्यायाधीश को बताया कि जैश प्रमुख आतंक के वित्तपोषण में संलिप्त था और वह जेहादी साहित्य बेचता है।’ माना जाता है कि अजहर अपने पैतृक शहर बहावलपुर में कहीं सुरक्षित स्थान पर छिपा हुआ है।

भारत में फरवरी 2019 में पुलवामा आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान के पंजाब प्रांत की पुलिस ने आतंकवाद के वित्तपोषण के खिलाफ अभियान शुरू किया था और इस मामले में गुजरांवाला में जैश के छह कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया था। गुजरांवाला, लाहौर से करीब 130 किलोमीटर दूर है। सीटीडी ने कहा कि उसने जैश के ठिकानों पर छापेमारी की, कुछ सदस्यों को गिरफ्तार किया और लाखों रुपये की नकदी बरामद की।

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button