भट्ठियों में जलाए जाएंगे 1.5 करोड़ ऊदबिलावों के शव, कारण जानकर हो जाएगे हैरान…

कोरोना के कहर के बीच डेनमार्क ने अपने नागरिकों के स्वास्थ्य को खतरे से बचाने के लिए ऊदबिलावों के शवों को नष्ट करने का फैसला किया है. आश्चर्य की बात तो यह कि करीब डेढ़ करोड़ ऊदबिलावों के शव कुछ समय पहले दफनाए गए थे, लेकिन बीमारियां फैलने के डर से अब उन्हें जमीन से खोदकर बाहर निकाला जाएगा. जानिए आखिर क्या है इसके पीछे की वजह…
डेनमार्क सरकार ने नवंबर में 1.5 करोड़ ऊदबिलावों को खत्म करने का आदेश दिया था. यह फैसला इसलिए लिया गया क्योंकि ऊदबिलावों में कोरोना संक्रमण के जानवरों से इंसानों में जाने के केस मिले थे. दरअसल, डेनमार्क में ऊदबिलावों के फरों को पहनने का चलन है. फैशन इंडस्ट्री में इनकी जबरदस्त डिमांड होने के चलते इन्हें बड़े स्तर पर पाला जाता है. पिछले कुछ दिनों से जमीन में दफनाए गए ऊदबिलावों के शव कब्र से बाहर मिले. स्थानीय प्रशासन को शक है कि ऊदबिलावों के फर के लिए उन्हें कब्र से निकाला गया होगा. इसी वजह से प्रशासन अलर्ट हो गया.
इस बीच, डेनमार्क की संसद ने सोमवार को ऊदविलाव की ब्रीडिंग रोकने के लिए नया कानून पास किया है. यूरोपीय देशों में कोरोना वायरस महामारी के बिगड़ रहे हालात को काबू में करने के लिए यह बड़ा कदम माना जा रहा है. इस कानून के तहत 2022 तक डेनमार्क में ऊदबिलावों का प्रजनन कराने पर रोक रहेगी.
डेनमार्क के खाद्य एवं कृषि मंत्रालय ने अपने एक स्टेटमेंट में कहा कि मिलिट्री नियंत्रित क्षेत्रों से ऊदबिलावों के शवों को कब्र से निकालकर उसे नष्ट करने के लिए संसद का समर्थन हासिल है. शवों को कूड़ा जलाने वाली भट्ठियों में भस्म किया जाएगा ताकि कोई संक्रमण ना फैले. इस तरह से हम इसे खतरनाक जैविक कूड़ा बनने से रोक सकते हैं.
डेनमार्क की सरकार ने पहले माना था कि उसके पास ऊदबिलावों की सामूहिक हत्या करने का कोई कानूनी अधिकार नहीं है. इस दौरान कुछ स्वस्थ जानवरों को भी मारे जाने के बाद हुए विवाद के कारण डेनमार्क के कृषि मंत्री को इस्तीफा देना पड़ा था. डेनमार्क ऊदबिलावों के फर का दुनिया का सबसे बड़ा निर्यातक है. प्रजनन के ऊंचे मानकों के कारण इसके फरों की दुनियाभर में जबरदस्त डिमांड है.
दुनिया के कुल फर उत्पाद के 40 प्रतिशत की खेती अकेले डेनमार्क में होती है, इसके सबसे बड़े आयातकों में चीन और हांगकांग शामिल हैं. डेनमार्क में लगभग 6,000 लोग इस इंडस्ट्री में रोजगार से जुड़े हैं. नए कानून के आने के बाद 2022 तक के लिए ऊदबिलाव के पालन पर रोक लगा दी गई है.