यूपी में बढ़ते कोरोना संक्रमण पर हाईकोर्ट ने कहा, हर दो किमी. पर तैनात हों दो कॉन्स्टेबल

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने लखनऊ, गाजियाबाद, गौतमबुद्ध नगर और मेरठ में कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामले पर चिंता जताई है। कोर्ट ने कहा है कि हर सड़क पर प्रत्येक दो किलोमीटर की दूरी पर दो कॉन्स्टेबल तैनात किए जाएं जो लोगों को मास्क पहनने के नियम का अनिवार्य रूप से पालन कराएं। कोर्ट ने अगली सुनवाई पर उन पुलिसकर्मियों के नामों की सूची पेश करने के लिए कहा है जिनकी तैनाती की गई है।

अपर महाधिवक्ता मनीष गोयल ने बताया कि, कोराना टेस्टिंग हर दिन बढ़ाई जा रही है। कोर्ट का कहना था कि कोरोना संक्रमितों की ट्रैकिंग ठीक से न होने की वजह से संक्रमण रोकने में कामयाबी नहीं मिल रही है। कोर्ट ने कहा है कि, हालांकि पुलिस काफी प्रयास कर रही है इसके बावजूद संक्रमण का बढ़ना बताता है कि अभी बहुत ‌कुछ किया जाना बाकी है। इन जिलों के पुलिस और प्रशासनिक प्रमुखों द्वारा दाखिल हलफनामों को देखने के बाद कोर्ट ने कहा कि इनमें पूरी जानकारी नहीं दी गई है। अगली तारीख पर बेहतर जानकारी के साथ हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया है।

लखनऊ के जिलाधिकारी की ओर से पेश हलफनामे को देखने के बाद सुनवाई कर रही न्यायमूर्ति सिद्धार्थ वर्मा और न्यायमूर्ति अजीत कुमार की पीठ ने कहा कि हर दिन तीन सौ से अधिक संक्रमित मिलना चिंताजनक है। सिर्फ पुलिसिंग के जरिए ही मास्क पहनने के नियम का पालन कराया जा सकता है। ऐडवोकेट कमिश्नर ने बताया कि कोर्ट के आदेश के बावजूद अभी भी खाने-पीने की चीजें खुले में बेची और खाई जा रही हैं। कोर्ट ने कहा कि खाने-पीने का सामान बंद पैकेट में ही बिके, यह सुनिश्चित किया जाए।

खंडपीठ ने प्रयागराज पुलिस द्वारा किए जा रहे प्रयासों की तारीफ की है। मास्क पहनने के नियम का सख्ती से पालन करवाने की वजह से प्रयागराज में संक्रमितों की संख्या में उल्लेखनीय कमी आई है।हाईकोर्ट को बताया गया कि बहुत से स्कूल कॉलेज सात दिसंबर से खोल ‌दिए गए हैं। मगर यहां अध्यापकों व छात्रों द्वारा कोविड गाइड लाइन का पालन सुनिश्चित करवाने की कोई व्यवस्था नहीं है। कोर्ट ने कहा कि छोटे बच्चों द्वारा गाइड लाइन के उल्ल्ंघन की पूरी संभावना है ‌इसलिए बिना भेदभाव प्राइवेट और सरकारी स्कूलों की नियमित मॉनिटरिंग और सैनिटाइजेशन का काम किया जाए।

कोर्ट ने प्रयागराज विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष और नगर आयुक्त को तलब कर उनसे शहर में कराए गए विभिन्न विकास कार्यों की जानकारी मांगी है। कोर्ट ने पूछा है कि अदालत द्वारा पूर्व में पारित आदेशों के अनुपालन में उन्होंने क्या कार्रवाई की है। हाईकोर्ट में जनवरी फरवरी में आयोजित होने जा रहे माघ मेले में कोरोना संक्रमण से बचाव की तैयारियों की जानकारी भी पेश करने का निर्देश दिया है। नगर निगम और अन्य सार्वजनिक स्थानों पर बनाए गए धर्म स्थलों को हटाने के बाबत हाईकोर्ट ने प्रदेश सरकार से कहा है कि वह इन स्थलों का हटाने का आदेश किस अधिकारी को दें, क्योंकि प्रयागराज विकास प्राधिकरण ने इस संबंध न तो कोई कार्रवाई की है और न ही किसी प्रकार की जानकारी दी है। इससे स्पष्ट है कि पीडीए की दिलचस्पी इनको हटाने में नहीं है।

अपर मुख्य सचिव और महानिदेशक चिकित्सा शिक्षा ने कोर्ट को बताया कि स्वरूपरानी नेहरू अस्पताल में कोरोना मरीजों के दूसरे गेट के निर्माण हेतु फंड जारी कर दिया गया है। काम कराने का जिम्मा यूपी प्रोजेक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड को दिया है जो एक माह में निर्माण कार्य पूरा कर देगा। अडीशनल सॉलिसिटर जनरल ने कोर्ट को बताया वह कोराना वैक्सीन की आम लोगों तक उपलब्धता की जानकारी शीघ्र ही अदालत को देंगे। संबंधित विभाग से वह सूचना एकत्र कर रहे हैं। मामले की अगली सुनवाई 17 दिसंबर को होगी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button