वाजिद खान की पत्नी के समर्थन में आई कंगना, मोदी से लगाई गुहार, कहा- पारसियों की कम होती संख्या भारत के कैरेक्टर के बारे में बड़ा खुलासा
मुंबई। बॉलीवुड की एक्ट्रेस कंगनारनौत अपने भड़कीले और तंज भरे बयानों की वजह से हर समय चर्चा में रहती हैं। रनौत ने इस बार पारसी लोगों के बारे में टिप्पणी की है। दरअसल कंगना रनौत दिवंगत सिंगर वाजिद खान की पत्नी कमलरुख की परेशानियों की खबर पर ट्वीट कर प्रतिक्रिया दी है।
उन्होंने वाजिद के देहांत के बाद अपने ससुराल के लोगों पर यह आरोप लगाया है कि उन्होंने उनसे जबरदस्ती इस्लाम धर्म कबूल करवाया है। केवल इतना ही नहीं बल्कि कमलरुख ने वाजिद के परिवार पर उत्पीड़न के आरोप भी लगाए हैं।
कंगना ने ट्वीट कर मोदी से लगाई गुहार
इस मामले पर कंगना ने ट्वीट किया है। उन्होंने लिखा- इस देश में पारसी सही में अल्पसंख्यक हैं। वह देश पर कब्जा करने नहीं आए थे वह तो तलाश में आए थे और उन्होंने बहुत आराम से भारत माता का प्यार मांगा था। हमारे देश की सुंदरता, वृद्धि और आर्थिक मामलों में उनकी छोटी सी जनसंख्या ने बहुत बड़ा योगदान दिया है।
Parsis are the genuine minority in this nation, they did not come as invaders they came as seekers and gently requested for mother India’s love. Their small population have hugely contributed to the beauty- growth and economy of this nation ( cont) https://t.co/5hkLcKSeEy
— Kangana Ranaut (@KanganaTeam) November 29, 2020
वहीं, कंगना ट्वीट करती हुई कहती हैं कि वह (कमलरुख) मेरे दोस्त की विधवा हैं जिन्हें परिवार द्वारा परेशान किया जा रहा है। मैं प्रधानमंत्री मोदी से पूछना चाहती हूं कि अल्पसंख्यक लोग जो ड्रामा नहीं करते, किसी का सिर कलम नहीं करते, दंगे और धर्म-परिवर्तन नहीं करते, उन्हें हम कैसे सुरक्षित रखें? पारसियों की कम होती संख्या भारत के कैरेक्टर के बारे में बड़ा खुलासा करती है।
कंगना ने तीसरे ट्वीट में कहा- मां का वो बच्चा जो सबसे ज्यादा ड्रामा करता है उसे अटेंशन और फायदे मिलते हैं। और जो ये सब पाने के लायक है उसे कुछ नहीं मिलता। हमें सोचने की जरूरत है।
वाजिद खान के निधन बाद एक और आई बुरी खबर, बॉलीवुड में शौक की लहर…
आपको बता दें कि कमलरुख ने पत्र में लिखा था ‘मैं पारसी थी और वे मुस्लिम थे। हम यूं समझ लीजिए कि कॉलेज स्वीटहार्ट्स थे। यहां तक कि जब हमने शादी की तो स्पेशल मैरिज एक्ट के अंतर्गत की थी। मैं इस पर अपना अनुभव बताना चाहती हूं कि किस तरह से मुझे इंटरकास्ट मैरिज करने के बाद धर्म के आधार पर भेदभाव का सामना करना पड़ रहा है। ये बेहद शर्मनाक है। और सबकी आंखे खोल देने वाला है।