आज हैं आंवला नवमी, ऐसे करें पूजा-अर्चना मिलेगी सुख शांति

आंवला नवमी के मौके पर आज पूजा-अर्चना कर सुख-शांति की कामना की गई। आंवला नवमी को अक्षय नवमी भी कहा जाता है। सुबह से ही घरों में चहल-पहल रही। इस मौके पर महिलाओं ने उपवास रखा। महिलाओं ने आंवला के पेड़ के नीचे भगवान विष्णु की आराधना की। एक सौ आठ परिक्रमा लगाई गई। जहां पर आंवला का पेड़ नहीं है वहां पर आंवला की पूजा की गई।

वही आंवला का विशेष रूप से दान-पुण्य भी किया गया। कई स्थानों पर सामूहिक रूप से पूजा की गई। कई स्थानों पर कोविड को देखते हुए शारीरिक दूरी का ख्याल रखते हुए पूजा अर्चना की गई। इस बारे में पंडित उमाशंकर पांडेय ने बताया कि इस मौके पर भगवान विष्णु की आराधना की जाती है। अक्षय नवमी पर दान-पुण्य का विशेष महत्व है।

ऐसा माना जाता है कि आंवला नवमी पर किया गया दान अक्षय है। कार्तिक शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को आंवला नवमी के रूप में मनाया जाता है। आवंला के पेड़ की पूजा करने का विधान है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन भगवान विष्णु आंवला में वास करते हैं। इसलिए इस पेड़ की पूजा करने पर पुण्य मिलता है।

सुहागिन महिलाएं आंवला के पेड़ की जड़ में दूध चढ़ाती है। कच्चा धागा आंवला में बांधकर शांति की कामना करती है। हनुमान मंदिर, नेहरू रोड, हनुमान मंदिर, कंबल पट्टी सहित अन्य मंदिरों में आंवला नवमी का पूजन किया गया। जिन मंदिरों में आंवला का पेड़ नहीं था वहां पर आंवला को रखकर पूजा-अर्चना की गई। इस अवसर पर महिलाओं का उत्साह देखने लायक था। भोजन में भी आंवला को शामिल किया जाएगा। 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button