दुनिया के शेयर बाजार ही नहीं चाहते कि दोबारा आए ट्रंपवाद

नई दिल्ली। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड जे ट्रंप ने प्रोटेक्शनिज्म की नीति पर चलकर ट्रंपवाद का स्वाद चखाया, लेकिन दिलचस्प है कि रियल स्टेट कारोबार से दिग्गज बिजनेसमैन की श्रेणी में शुमार हुए ट्रंप को दुनिया के शेयर बाजार ही नहीं चाहते।

बुधवार, चार अक्तूबर को राष्ट्रपति ट्रंप ने अपनी जीत के दावे किए, डांस किया और चुनाव मतगणना में धांधली का आरोप लगाकर उच्चतम न्यायालय में याचिका दायर करने की चेतावनी भी दी। उनकी इस धमकी से दुनिया भर के कारोबारी निराश से हुए। यूरोप के शेयर बाजर में गिरावट का रुख दिखाई दिया और भारतीय शेयर बाजार को भी झटका लगा।

पांच अक्तूबर की देर रात जब अमेरिका में दोपहर के बाद का समय हो रहा था, तो शेयर मार्केट से जुड़े कारोबारी संजय अग्रवाल को लग रहा था कि बिडेन बढ़त लेंगे। अंतर बढ़ेगा तो शेयर बाजार में तेजी आएगी। यह रुख देखकर संजय अग्रवाल ने बताया कि उन्होंने भारतीय शेयर बाजार में आज खरीददारी की है।

बीएसई सेंसेक्स 500 अंक ऊपर तक चढ़ चुका है। निफ्टी भी अच्छा संकेत दे रहा है। यूरोप के शेयर बाजार समेत दुनिया के शेयर बाजार में तेजी जारी रहने के संकेत हैं। संजय अग्रवाल के साथ-साथ कनॉट प्लेस में शेयर ट्रेडिंग करने वाले विश्वदीप भी कहते हैं कि अभी कुछ दिन यह तेजी बनी रह सकती है।

आईआईएम अहमदाबाद में एमबीए की पढ़ाई कर रहे राघव गुप्ता को भी यही उम्मीद है। राघव गुप्ता का कहना है कि कारोबारी हमेशा कारोबार का हित देखकर फैसला करते हैं। उन्हें लग रहा है कि राष्ट्रपति जो बिडेन के सत्ता में आने के बाद वैश्विक अर्थव्यवस्था में सकारात्मक संकेत देखने में आएंगे।

राजेश चौधरी आईटी प्रोफेशनल हैं। उनका कहना है कि आईटी क्षेत्र की भारतीय कंपनियों की ग्रोथ रुक सी गई है। हम सब चाहते हैं कि जो बिडेन अमेरिका की सत्ता में आएं। ऐसा हुआ तो भारत सॉफ्टवेयर के क्षेत्र में अगले मुकाम को आसानी से हासिल कर लेगा।

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