पुलवामा पर PAK ने स्वीकार कर लिया गुनाह तो विपक्ष पर भड़के वीके सिंह, कहा- खुले में जूते मारने चाहिए
नई दिल्ली। पुलवामा हमले के पीछे पाकिस्तान ने अपना हाथ होने की बात स्वीकार कर ली है, जिसके बाद भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के नेता केंद्र सरकार पर सवाल उठाने वालों पर ही मुखर हो गए हैं. पूर्व आर्मी चीफ और मोदी सरकार में विदेश राज्य मंत्री वीके सिंह ने विपक्ष पर हमला बोला है. पाकिस्तान के कबूलनामे पर वीके ने कहा, ये कहना कि सरकार ने ही हमला कराया होगा और इसलिए इससे पहले भी इसी पार्टी ने एक भगवा आतंक की बात की थी, एक उसका बड़ा रूप बनाना चाहा. ऐसे लोगों के ऊपर जनता को जरा भी यकीन नहीं करना चाहिए बल्कि मैं तो ये कहूंगा कि इनको खुले में जूते लगाना चाहिए.
14 फरवरी 2019 को जब पुलवामा में सुरक्षाबलों के काफिले पर आतंकवादी हमला हुआ था तो विपक्ष ने नरेंद्र मोदी सरकार पर जमकर हमला बोला था. जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला ने कहा था कि पुलवामा हमले के पीछे मोदी का हाथ है क्योंकि वह चुनाव जीतना चाहते थे. अब्दुल्ला ने कहा था कि भारत को अनुरोध करना चाहिए कि बालाकोट हमलों में नुकसान के सबूत की जांच और खुलासा करने के लिए एक संयुक्त राष्ट्र समिति का गठन किया जाए.
पाकिस्तान ने क्या कहा…
पाकिस्तान की इमरान खान सरकार में मंत्री फवाद चौधरी ने एक बयान में माना है कि पुलवामा में CRPF के काफिले पर हुए हमले में पाकिस्तान का हाथ था. उन्होंने कहा था कि पुलवामा हमला पाकिस्तान की कामयाबी है. फवाद चौधरी ने पुलवामा हमले का श्रेय इमरान खान और उनकी पार्टी PTI को दिया. उन्होंने कहा था कि पुलवामा हमला इमरान खान के लिए एक उपलब्धि है. हालांकि बवाल बढ़ने के बाद वह अपने बयान से पलट गए.
फवाद चौधरी ने आजतक के साथ हुई खास बातचीत में कहा कि दो वाक्ये हुए थे. एक 14 फरवरी को हुआ था जबकि दूसरा 26 फरवरी को हुआ था. मैंने अपनी स्पीच में जिस घटना का जिक्र किया है वो 26 फरवरी की है. जब हिंदुस्तान ने जुर्रत की थी पाकिस्तान की सीमा में घुसने की. और उसके बाद हमने उसका मुंहतोड़ जवाब दिया था. हमारे जो जेफ-थंडर लड़ाकू जहाज हैं, उन्होंने आपके जहाजों को तबाह किया था और अभिनंदन को पकड़ा था.
फवाद चौधरी ने कहा कि मेरी पूरी स्पीच पढ़ेंगे या सुनेंगे तो बात क्लियर हो जाएगी. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि 14 फरवरी को जो हुआ वह निश्चित तौर पर दहशतगर्दी थी. इस पर हमारे प्राइम मिनिस्टर ने भी बात की थी. हमने आपको ऑफर किया था कि आप आइए, सबूत दीजिए, साथ में पड़ताल करते हैं. लेकिन आपने वह भी नहीं किया. प्रॉब्लम ये है कि हिंदुस्तान के अंदर पाकिस्तान को लेकर बहुत गुस्सा है जबकि पाकिस्तान में हिंदुस्तान को लेकर ऐसा नहीं है.