इन मोबाइल ऐप के जरिए उम्र की हजारों लड़कियों की न्यूड तस्वीरें हुई वायरल

नई दिल्ली। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जितनी फायदेमंद हैं उतनी ही खतरनाक भी है. इसका गलत इस्तेमाल हजारों समस्याएं खड़ी कर सकता है. AI का गलत इस्तेमाल करने वाला ऐसा ही एक मामला सामने आया है. Deepfake नाम का एक सॉफ्टवेयर बनाया गया जिस पर कम उम्र की लड़कियों के Nudes तैयार किए जाते थे.

असल में DeepNudes पर लोग लड़कियों की तस्वीरों को डालते और उनकी फेक Nudes तैयार करते. सोशल मीडिया से हजारों लड़कियों की फोटो लेकर इन सॉफ्टवेयर के जरिए उनके न्यूड्स बनाए जाते थे. इस टेकनोलॉजी की मदद से न्यूड तस्वीरों पर लड़कियों का चेहरा चिपकाया जाता था और उन्हें वायरल किया जाता था.

सोशल मीडिया पर सभी लोग अपनी तस्वीरें पोस्ट करत हैं वहीं से कुछ लोग लड़कियों की तस्वीरें चुराकर DeepNudes नाम के ऐप या सॉफ्टवेयर पर डाल देते थे और वहां लड़कियों की न्यूड तस्वीरें बनाते थे. Sensity की एक रिपोर्ट के मुताबिक जिन लड़कियों की न्यूड तस्वीरें वायरल की गईं उन्हें इस बात की कोई खबर ही नहीं थी.

ये भी बात सामने आई है कि इन लड़कियों में से ज्यादातर लड़कियों की उम्र 18 से कम ही थी. बताया गया है कि 1 लाख से ज्यादा लड़कियों की ऐसी तस्वीरें वायरल की गई हैं. इन वायरल तस्वीरों में 70 प्रतिशत तस्वरीरें ऐसी थीं जिन्हें सोशल मीडिया से लिया गया था. ऐसी तस्वीरों को वायरल करने में टेलिग्राम ऐप का भी इस्तेमाल किया गया.

मैसेजिंग ऐप टेलिग्राम इन तस्वीरों को शेयर करने का जरिया बना हुआ था. इंटेलिजेंस कंपनी Sensity के अनुसार ऐसी न्यूड तस्वीरें ‘deepfake bot’ टेक के जरिए बनाई जा रही है। bots कंप्यूटर जेनरेटेड और असली जैसे दिखने वाले न्यूड्स रियल लाइफ इमेसेज की मदद से तैयार कर देते हैं। बता दें कि इसी तकनीक को कुछ दिनों पहले सेलिब्रिटीज की पॉर्न वीडिओज बनाने के लिए इस्तेमाल हुआ था.

रिपोर्ट से पता चला है कि न्यूड बनाने के लिए केवल एक नॉर्मल इमेज चाहिए होती है इसके बाद सॉफ्टवेयर ही सारे काम कर देता है. bot प्राइवेट मेसेजिंग चैनल में Telegram में फ्री में उपलब्ध है. इसके जरिए एक नॉर्मल फोटो भेजकर कोई भी किसी भी लड़की की न्यूड तस्वीर तैयार करवा सकते हैं.

 

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