आज से नवरात्रि की शरुआत, इन सामग्रियों के बिना अधूरी रहेगी आपकी पूजा
नई दिल्ली। आज से नवरात्रि की शुरुआत हो गई है। नवरात्रि के दौरान मां भवानी के भक्त मां दुर्गा के सभी नौ रूपों की पूजा करते हैं। आज नवरात्र का पहला दिन है जबकि 25 अक्टूबर को विसर्जन के साथ नवरात्रि का समापन होगा। आश्विन प्रतिपदा तिथि से शुरू होकर नवमी तिथि तक नवरात्रि है। इस दौरान मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा की जाएगी।
प्रतिपदा तिथि यानी 17 सितंबर को कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त है। इसी दिन कलश स्थापना के साथ देवी शैलपुत्री की पूजा भी होगी। फिर इसके बाद क्रमशः ब्रह्मचारिणी, चंद्रघंटा, कूष्माण्डा, स्कंदमाता, कत्यायिनी, कालरात्रि, महागौरी और सिद्धिदात्री की पूजा होगी। 24 अक्टूबर को महाअष्टमी और महानवमी पड़ेगी। इसके बाद 25 अक्टूबर को विजया दशमी के साथ नवरात्रि का समापन होगा।
हिंदू मान्यता के मुताबिक नवरात्रि के मौके पर हर साल मां दुर्गा के नौ रुप शैलपुत्री, ब्रह्मचारिणी, चन्द्रघंटा, कुष्माण्डा, स्कंदमाता, कात्यायनी, कालरात्रि, महागौरी और मां सिद्धिदात्री की पूजा विधि-विधान के साथ की जाती है। हर कोई अपने अनुसार मां की पूजा अर्चना कर प्रसन्न करता है। नवरात्र के साथ-साथ हिंदू नववर्ष भी प्रारम्भ हो जाएगा।जानें किस दिन होगी किस देवी की पूजा
17 अक्टूबर, प्रतिपदा-
नवरात्रि का पहला दिन- घट/ कलश स्थापना – शैलपुत्री
18 अक्टूबर, द्वितीया-
नवरात्रि 2 दिन तृतीय- ब्रह्मचारिणी पूजा
19 अक्टूबर, तृतीया-
नवरात्रि का तीसरा दिन- चंद्रघंटा पूजा
20 अक्टूबर, चतुर्थी-
नवरात्रि का चौथा दिन- कुष्मांडा पूजा
21 अक्टूबर, पंचमी-
नवरात्रि का 5वां दिन- सरस्वती पूजा, स्कंदमाता पूजा
22 अक्टूबर, षष्ठी-
नवरात्रि का छठा दिन- कात्यायनी पूजा
23 अक्टूबर, सप्तमी-
नवरात्रि का सातवां दिन- कालरात्रि, सरस्वती पूजा
24 अक्टूबर, अष्टमी-
नवरात्रि का आठवां दिन- महागौरी, दुर्गा अष्टमी ,नवमी पूजन
25 अक्टूबर, नवमी-
नवरात्रि का नौवां दिन- नवमी हवन, नवरात्र पारण, दुर्गा विसर्जन, विजयादशमी