बंद जगहों पर संक्रमण फैलने से ताकतवर हो रहा वायरस
बंद जगहों पर संक्रमण फैलने के बढ़े मामलों के कारण कोरोना वायरस ताकतवर होता जा रहा है।
नई दिल्ली- बंद जगहों पर संक्रमण फैलने के बढ़े मामलों के कारण कोरोना वायरस ताकतवर होता जा रहा है। हॉर्वर्ड मेडिसन स्कूल की वैज्ञानिक नैंसी एनोरिया ने यह दावा किया है। उनका कहना है कि दुनियाभर की सरकारों को एरोसोल और एयरबोर्न संक्रमण के बारे में आम लोगों तक स्पष्ट तरीके से जरूरी जानकारी पहुंचानी चाहिए। अगर समय रहते लोगों को इनडोर संक्रमण के बारे में नहीं बताया गया तो यह वायरस और विकराल रूप ग्रहण कर लेगा।
एरोसोल- धुएं की तरह लंबे वक्त तक मौजूद रहता है, वायरस
जिस तरह धूल और धुआं लंबे समय तक वातावरण में मौजूद रहते हैं, ठीक वैसे ही एरोसोल के गुण वाले वायरस लंबे वक्त तक हवा के साथ उड़ सकते हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने माना है कि विशेष परिस्थितियों में कोविड-19 का वायरस एरोसोल संक्रमण फैला सकता है।
एयरबोर्न- इनडोर संक्रमण का मुख्य कारण।
वायरस से संक्रमित नम बूंदें जब अपने छोटे आकार व हल्के वजन के कारण हवा में उड़ने लग जाती हैं तो इसे एयरबोर्न संक्रमण कहते हैं। ऐसा संक्रमण उन बंद जगहों पर ज्यादा फैलता है, जहां भीड़ मौजूद हो। रेस्टोरेंट, नाइट क्लब, सिनेमाहॉल और दफ्तरों में फैलने वाला संक्रमण इसका उदाहरण है।
ड्रॉपलेट- संक्रमण फैलने का मुख्य माध्यम-
कोरोना वायरस फैलाने का यह सबसे मुख्य माध्यम माना जाता है, जिसमें किसी संक्रमित व्यक्ति के मुंह से निकली बूंदों या ड्रॉपलेट किसी दूसरे व्यक्ति की आंख, नाक या मुंह के जरिए उसके शरीर में प्रवेश कर जाती हैं। ड्रॉपलेट वजन में भारी होती हैं इसलिए वे ज्यादा देर तक हवा में मौजूद नहीं रह पातीं पर दो मीटर से कम दूरी पर खड़े व्यक्ति को संक्रमित कर सकती हैं।
सर्दी में इनडोर संक्रमण का खतरा ज्यादा-
शोधकर्ता नैंसी कहती हैं कि अगर सरकारें एरोसोल और एयरबोर्न संक्रमण से बचाव के लिए जनता को जागरूक करने में कामयाब नहीं हुईं तो सर्दियों में बंद जगहों पर कोरोना संक्रमण बहुत ज्यादा फैलेगा क्योंकि लोग ज्यादातर समय अपने घरों में बंद होंगे।
बेहतर वेंटिलेशन से बचाव-
शोधकर्ता नैंसी का सुझाव है कि कार्यक्षेत्र, रेस्टोरेंट, पब व अन्य बंद स्थानों पर अगर सही वेंटिलेशन हो तो इनडोर संक्रमण से बचा जा सकता है। सरकारों को बंद जगहों की हवा को स्वच्छ करने के लिए वेंटिलेशन की बेहतर तकनीक अपनानी होंगी। साथ ही इनडोर स्थानों पर मौजूद लोगों को शारीरिक दूरी बनाकर और मास्क पहनकर रहने के लिए प्रेरित करना होगा।