मूर्तियां छूने की रोक, सामूहिक गाने-बजाने पर रोक, त्योहारों को मनाने के लिए सरकार ने जारी की नई गाईडलाइन

नई दिल्ली। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कोरोना महामारी के मद्देनजर त्योहारों के मौसम में एहतियात के लिए नई गाइडलाइंस जारी की हैं। नई गाइडलाइंस के तहत कंटेनमेंट जोन के भीतर किसी भी तरह के त्योहारी कार्यक्रम नहीं आयोजित किए जाएंगे। साथ ही पूजा, मेलों, रैलियों, प्रदर्शनी, सांस्कृतिक कार्यक्रमों को लेकर भी विशेष निर्देश दिए गए हैं।

नियमों का खयाल कर करनी होगी कार्यक्रमों की प्लानिंग

दरअसल जल्द ही नवरात्रि शुरू होने वाली है और इस दौरान देशभर में पांडाल लगाए जाते हैं। इसके अलावा भी कई तरह के मेले और कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। गाइडलाइंस के मुताबिक धार्मिक कार्यक्रमों के लिए पूरी प्लानिंग करनी होगी। भीड़-भाड और सोशल डिस्टेंसिंग का खयाल रखना होगा।

फिजिकल डिस्टेंसिंग के लिए जमीन पर निशान लगाने पड़ेंगे जिनके बीच की दूरी 6 फीट रखनी होगी। कार्यक्रम के व्यवस्थापकों को सैनेटाइजर और थर्मल गन की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित करनी होगी। साथ ही जिस जगह पर कार्यक्रम किया जाएगा वहां सीसीटीवी कैमरों की अनिवार्यता होगी जिससे सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पालन किया जा सके।

कोरोना संबंधी नियमों का पालन

धार्मिक कार्यक्रमों के दौरान फिजिकल डिस्टेंसिंग और मास्क की अनिवार्यता और ज्यादा महत्वपूर्ण हो जाएगी। इसके अलावा धार्मिक रैलियों में रूट प्लानिंग भी पहले से की जाएगी। मूर्ति विसर्जन की जगहें भी पूर्व निर्धारित रहेंगी। इस दौरान भी लोगों की मौजूदगी बेहद कम संख्या में रखी जाएगी।

जानें कैसे होगी पूजा

धार्मिक स्थानों/पांडालों में मूर्तियों को छूने की मनाही होगी। कोरोना संक्रमण को देखते हुए सामुहिक धार्मिक गाने-बजाने के कार्यक्रमों की मनाही होगी। इसकी जगह पर रिकॉर्डेड धार्मिक संगीत बजाया जा सकेगा। कम्यूनिटी किचेन, लंगरों में सोशल डिस्टेंसिग के नियमों का पालन करना होगा। कम्यूनिटी किचेन चलाने वालों को साफ-सफाई का पूरा खयाल रखना होगा।

इसके अलावा भी कार्यक्रम स्थल की सफाई से लेकर जूते-चप्पल उतारने तक की भी प्रक्रिया बताई गई है। निर्देश में साफ किया गया है कि त्योहार के मौसम में कोरोना नियमों का पालन किया जाना पहले ज्यादा जरूरी है क्योंकि कार्यक्रमों के दौरान लोग एकत्रित होते हैं।

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